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हरीश रावत को रामनगर से टिकट मिलने पर रणजीत रावत नाराज, आज लेंगे बड़ा फैसला - उत्तराखंड ताजा समाचार टुडे

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को रामनगर विधानसभा सीट से मैदान में उतारने का फैसला लिया है. ये फैसला पार्टी के मुश्किलें खड़ी कर सकता है. क्योंकि कांग्रेस के इस फैसले से उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत नाराज हैं. उन्होंने कहा कि आज वो इस मामले पर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. जिससे रामनगर विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस दोनों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

Ranjit Rawat
रणजीत रावत
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Published : Jan 25, 2022, 12:22 PM IST

Updated : Jan 25, 2022, 12:31 PM IST

रामनगर: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (uttarakhand assembly election 2022) में भी कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को कुमाऊं की मैदानी सीट से लड़ाने जा रही है. पार्टी ने हरीश रावत को नैनीताल जिले की रामनगर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है. हालांकि हरीश रावत को टिकट मिलने से उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत नाराज हैं. क्योंकि इस सीट से रणजीत सिंह रावत ने अपनी दावेदारी ठोकी थी. उन्होंने पार्टी ने इस फैसले का विरोध (Ranjit Singh Rawat not happy with Congress decision) किया है.

रामनगर विधानसभा सीट से हरीश रावत को टिकट मिलने के बाद ईटीवी भारत ने रणजीत सिंह रावत से बातचीत की और उनकी प्रतिक्रिया ली. रणजीत सिंह रावत ने कहा कि हाईकमान ने ये निर्णय क्यों लिया, ये सोच से परे है. एक व्यक्ति पिछले पांच सालों से क्षेत्र में मेहनत कर रहा है. कोरोना के समय में उन्होंने लोगों की मदद की. आपदा के दौरान भी वे लोगों के बीच रहे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, इससे वे नाराज हैं.

हरीश रावत को रामनगर से टिकट मिलने पर रणजीत रावत नाराज

पढ़ें- रामनगर से हरीश रावत तो लैंसडाउन से अनुकृति गुसाईं लड़ेंगी चुनाव, हरक सिंह रावत के टिकट पर सस्पेंस

कांग्रेस ने अभी अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. यदि पार्टी रणजीत सिंह रावत को सल्ट से मैदान में उतारती है तो क्या इसके लिए वो तैयार हैं. इस सवाल के जवाब में रणजीत सिंह रावत ने कहा कि अभी वे अपने समर्थकों के बात कर रहे हैं और उसके बाद ही कुछ निर्णय लेंगे. रणजीत सिंह रावत आज 25 जनवरी को अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श करेंगे और उसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे. हालांकि ये बात साफ है कि हरीश रावत को रामनगर से टिकट दिए जाने से रणजीत सिंह रावत नाराज हैं.

वहीं राजनीतिक गलियारों में चर्चा ये भी है कि सल्ट से रणजीत सिंह रावत अपने बेटे विक्रम सिंह रावत को निर्दलीय चुनाव लड़वा सकते हैं और खुद रामनगर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोकेंगे. यदि ऐसा होता है तो दोनों ही सीटों पर कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी होंगी और इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है. उम्मीद की जा रही है कि आज शाम तक रणजीत सिंह रावत कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं. क्योंकि नामांकन की आखिरी तारीख 28 जनवरी है.

पढ़ें- रामनगर से रणजीत रावत की दावेदारी हुई ध्वस्त, हरीश रावत को मिला टिकट, बढ़ेगा जय-बीरू का घमासान !

बता दें कि रामनगर विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम फाइनल होने से पहले हरदा का ऑडियो वायरल हुआ था. इस ऑडियो में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रामनगर विधानसभा क्षेत्र के किसी कांग्रेस नेता-कार्यकर्ता से बात की थी. हरीश रावत ने कहा था कि पार्टी उन्हें रामनगर विधानसभा सीट से लड़ाना चाहती है. इस पर पार्टी कार्यकर्ताओं का क्या कहना है. लेकिन कांग्रेस नेता ने साफ कह दिया था कि वो रामनगर विधानसभा सीट ने रणजीत सिंह रावत को ही चाहते हैं. उन्होंने हरीश रावत को सपोर्ट करने से साफ इंकार कर दिया था.

एक बात तो साफ है कि यदि पार्टी रणजीत सिंह रावत को मनाने में कामयाब नहीं हुई तो हरीश रावत को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 की तरह बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. क्योंकि 2017 में मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत दो सीटों हरिद्वार ग्रामीण और उधमसिंह नगर जिले की किच्छा विधानसभा सीटों से चुनाव हारे थे. इसके बाद उनकी बहुत किरकिरी हुई थी. इस बार भी कुछ ऐसे ही हालात बन रहे हैं.

रामनगर: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (uttarakhand assembly election 2022) में भी कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को कुमाऊं की मैदानी सीट से लड़ाने जा रही है. पार्टी ने हरीश रावत को नैनीताल जिले की रामनगर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है. हालांकि हरीश रावत को टिकट मिलने से उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत नाराज हैं. क्योंकि इस सीट से रणजीत सिंह रावत ने अपनी दावेदारी ठोकी थी. उन्होंने पार्टी ने इस फैसले का विरोध (Ranjit Singh Rawat not happy with Congress decision) किया है.

रामनगर विधानसभा सीट से हरीश रावत को टिकट मिलने के बाद ईटीवी भारत ने रणजीत सिंह रावत से बातचीत की और उनकी प्रतिक्रिया ली. रणजीत सिंह रावत ने कहा कि हाईकमान ने ये निर्णय क्यों लिया, ये सोच से परे है. एक व्यक्ति पिछले पांच सालों से क्षेत्र में मेहनत कर रहा है. कोरोना के समय में उन्होंने लोगों की मदद की. आपदा के दौरान भी वे लोगों के बीच रहे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, इससे वे नाराज हैं.

हरीश रावत को रामनगर से टिकट मिलने पर रणजीत रावत नाराज

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कांग्रेस ने अभी अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. यदि पार्टी रणजीत सिंह रावत को सल्ट से मैदान में उतारती है तो क्या इसके लिए वो तैयार हैं. इस सवाल के जवाब में रणजीत सिंह रावत ने कहा कि अभी वे अपने समर्थकों के बात कर रहे हैं और उसके बाद ही कुछ निर्णय लेंगे. रणजीत सिंह रावत आज 25 जनवरी को अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श करेंगे और उसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे. हालांकि ये बात साफ है कि हरीश रावत को रामनगर से टिकट दिए जाने से रणजीत सिंह रावत नाराज हैं.

वहीं राजनीतिक गलियारों में चर्चा ये भी है कि सल्ट से रणजीत सिंह रावत अपने बेटे विक्रम सिंह रावत को निर्दलीय चुनाव लड़वा सकते हैं और खुद रामनगर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोकेंगे. यदि ऐसा होता है तो दोनों ही सीटों पर कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी होंगी और इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है. उम्मीद की जा रही है कि आज शाम तक रणजीत सिंह रावत कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं. क्योंकि नामांकन की आखिरी तारीख 28 जनवरी है.

पढ़ें- रामनगर से रणजीत रावत की दावेदारी हुई ध्वस्त, हरीश रावत को मिला टिकट, बढ़ेगा जय-बीरू का घमासान !

बता दें कि रामनगर विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम फाइनल होने से पहले हरदा का ऑडियो वायरल हुआ था. इस ऑडियो में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रामनगर विधानसभा क्षेत्र के किसी कांग्रेस नेता-कार्यकर्ता से बात की थी. हरीश रावत ने कहा था कि पार्टी उन्हें रामनगर विधानसभा सीट से लड़ाना चाहती है. इस पर पार्टी कार्यकर्ताओं का क्या कहना है. लेकिन कांग्रेस नेता ने साफ कह दिया था कि वो रामनगर विधानसभा सीट ने रणजीत सिंह रावत को ही चाहते हैं. उन्होंने हरीश रावत को सपोर्ट करने से साफ इंकार कर दिया था.

एक बात तो साफ है कि यदि पार्टी रणजीत सिंह रावत को मनाने में कामयाब नहीं हुई तो हरीश रावत को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 की तरह बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. क्योंकि 2017 में मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत दो सीटों हरिद्वार ग्रामीण और उधमसिंह नगर जिले की किच्छा विधानसभा सीटों से चुनाव हारे थे. इसके बाद उनकी बहुत किरकिरी हुई थी. इस बार भी कुछ ऐसे ही हालात बन रहे हैं.

Last Updated : Jan 25, 2022, 12:31 PM IST
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