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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की कृषि कानून को वापस लेने की मांग, दी कड़ी चेतावनी

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Published : Dec 2, 2020, 11:07 AM IST

रामनगर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किसानों का समर्थन करते हुए तहसील परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए किसान कानूनों को उत्पीड़न करने वाला बताया है.

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रामनगर

रामनगर: पंजाब और हरियाणा के किसान लगातार दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में रामनगर में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किसानों की मांगों को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए सरकार के खिलाफ कड़ा रोष व्यक्त किया. उनकी मांग है कि जल्द से जल्द कृषि कानूनों को वापस लिया जाए.

तहसील परिसर में पूर्व ब्लॉक प्रमुख और वर्तमान में ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी के नेतृत्व में एकत्रित पंचायत प्रतिनिधियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक दिवसीय धरना दिया. इस दौरान उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की. ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो कृषि कानून बनाया है वह किसानों के हित में न होकर किसानों का उत्पीड़न करने वाला है. उन्होंने इस काले कानून को शीघ्र वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि आज अपनी मांगों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं तो वहीं, सरकार उनका उत्पीड़न कर उन पर पानी की बौछार, लाठीचार्ज कर रही है.

पढ़ें- 13 दिसंबर को होगा ABVP का 21वां प्रांत अधिवेशन, पौड़ी में जारी किया पोस्टर

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बंद पड़े धान क्रय केंद्रों को शीघ्र खोला जाए और किसानों के धान का बकाया भुगतान भी शीघ्र किया जाए. धान क्रय केंद्र बंद होने के कारण किसानों का धान बर्बाद होने की कगार पर है. सरकार को किसानों के हित में फैसला लेना चाहिए. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने मांगों को नहीं माना तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. इस दौरान महिला कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष आशा बिष्ट, छात्रसंघ अध्यक्ष अमितपाल सिंह रावत, ग्राम प्रधान नवीन सती, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुमित लोहनी आदि मौजूद रहे.

रामनगर: पंजाब और हरियाणा के किसान लगातार दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में रामनगर में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किसानों की मांगों को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए सरकार के खिलाफ कड़ा रोष व्यक्त किया. उनकी मांग है कि जल्द से जल्द कृषि कानूनों को वापस लिया जाए.

तहसील परिसर में पूर्व ब्लॉक प्रमुख और वर्तमान में ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी के नेतृत्व में एकत्रित पंचायत प्रतिनिधियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक दिवसीय धरना दिया. इस दौरान उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की. ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो कृषि कानून बनाया है वह किसानों के हित में न होकर किसानों का उत्पीड़न करने वाला है. उन्होंने इस काले कानून को शीघ्र वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि आज अपनी मांगों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं तो वहीं, सरकार उनका उत्पीड़न कर उन पर पानी की बौछार, लाठीचार्ज कर रही है.

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बंद पड़े धान क्रय केंद्रों को शीघ्र खोला जाए और किसानों के धान का बकाया भुगतान भी शीघ्र किया जाए. धान क्रय केंद्र बंद होने के कारण किसानों का धान बर्बाद होने की कगार पर है. सरकार को किसानों के हित में फैसला लेना चाहिए. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने मांगों को नहीं माना तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. इस दौरान महिला कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष आशा बिष्ट, छात्रसंघ अध्यक्ष अमितपाल सिंह रावत, ग्राम प्रधान नवीन सती, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुमित लोहनी आदि मौजूद रहे.

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