ऋषिकेश: UKSSSC पेपर लीक और विधानसभा नियुक्तियों में अनियमितता (Irregularities in assembly appointments) को लेकर कांग्रेस आग बबूला है. पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सिर्फ दो भर्ती ही नहीं, बल्कि अग्निवीर भर्ती में भी मनमानी का आरोप लगाया है. उन्होंने सभी भर्तियों की जांच सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की है.
हरिद्वार रोड स्थित एक होटल में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने प्रेसवार्ता (Ganesh Godiyal press conference) की. उन्होंने कहा कि अग्निवीर भर्ती में नियमों का पालन सही ढंग से नहीं किया जा रहा है. पौड़ी जिले में भाजपा नेताओं के कहने पर भर्ती संबंधी प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं. आरोप लगाया कि भाजपा शासनकाल में नौकरी बेचने का कारोबार चल रहा है. उन्होंने दावा किया कि 99 फीसदी सरकारी नौकरियां धामी सरकार में बेची गई हैं. उन्होंने सीएम को नसीहत देते हुए कहा कि वह भर्तियों की गड़बड़ी में संलिप्त मंत्रियों का बचाव ना करें.
गोदियाल ने विधानसभा में 72 पदों पर नियुक्ति को लेकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और मौजूदा कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के जवाब को भी बेशर्मी भरा बताया. मांग करते हुए कहा कि सिर्फ भाजपा शासनकाल ही नहीं, बल्कि कांग्रेस सरकार के भी वक्त हुई नियुक्तियों की जांच सरकार सीबीआई से कराए.
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सीबीआई जांच हो: UKSSSC पेपर लीक और उजागर हो रहे अन्य भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की मांग को टिहरी में कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. नई टिहरी कांग्रेस के शहर अध्यक्ष देवेंद्र नौडियाल ने कहा कि उत्तराखंड की जनता ने बहुत आशा और विश्वास के साथ भाजपा की डबल इंजन की सरकार बनाई थी. लेकिन भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का दावा करने वाली भाजपा सरकार भ्रष्टाचार में डूब चुकी है.
कांग्रेस ने कहा कि यह भर्ती घोटाला मध्यप्रदेश के व्यापमं घोटाले से भी बड़ा घोटाला साबित होने जा रहा है. लेकिन अभी तक इसमें बड़े मगरमच्छों तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है. इसीलिए कांग्रेस यह मांग कर रही है कि इसकी जांच सीबीआई को स्थानांतरित की जाए. सीबीआई से कम किसी भी जांच को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
सीएम से मांगा इस्तीफाः हल्द्वानी में आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बसंत कुमार ने राज्य सरकार पर UKSSSC पेपर लीक मामले पर सीधा हमला करते हुए कहा कि इस भर्ती घोटाले में सीबीआई जांच होनी चाहिए. आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बसंत कुमार के मुताबिक, हाकम सिंह सत्ता में बैठे लोगों का केवल एक कर्मचारी है, जबकि इसमें कई बड़े मगरमच्छ और पकड़े जाने बाकी हैं. लिहाजा एसटीएफ नहीं, इस पूरे मामले में सीबीआई की जांच होनी चाहिए. साथ ही सीएम को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.