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गर्मी बढ़ते ही मिट्टी के घड़ों और सुराही की बढ़ी डिमांड

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Published : May 20, 2020, 1:21 PM IST

Updated : May 27, 2020, 5:43 PM IST

हल्द्वानी में गर्मी का मौसम आते ही घड़ों और सुराही की डिमांड बढ़ गई है. इस समय हल्द्वानी में इनकी कीमत ₹50 से लेकर ₹200 तक है.

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मिट्टी के घड़ा

हल्द्वानीः सूरज की तपिश बढ़ने के साथ ही तापमान में भी इजाफा हो रहा है. ऐसे में गर्मी से बचने के लिए लोग शीतल पेय पदार्थ समेत ठंडे पानी का सहारा ले रहे हैं. कई लोग फ्रिज, घड़े और सुराही के पानी का सेवन कर शरीर की गर्मी को कम कर रहे हैं. वहीं, गर्मी बढ़ने के साथ ही बाजारों में मिट्टी की सुराही और घड़े की डिमांड बढ़ गई है. ऐसे में मिट्टी के बर्तन बेचने वाले दुकानदारों को उम्मीद है कि लॉकडाउन 4 में कुछ राहत मिलने के बाद अब उनके कारोबार में भी इजाफा होगा.

गर्मी बढ़ते ही मिट्टी के घड़ों और सुराही की बढ़ी डिमांड

मध्यवर्गीय परिवार में प्यास बुझाने के लिए देसी फ्रिज कहे जाने वाले घड़ा और सुराही एकमात्र सहारा रह गये हैं. गर्मी में मांग बढ़ने पर मिट्टी के बर्तन विक्रेताओं की ओर से जगह-जगह फड़ लगाकर घड़े और सुराही की बिक्री की जा रही है. घड़े और सुराही की कीमत ₹50 से लेकर ₹200 तक है. ऐसे में तपती गर्मी में राहत पाने के लिए लोग घड़े और सुराही का पानी पी रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः लॉकडाउन से नैनीताल में एडवेंचर स्पोर्ट्स का कारोबार ठप

इतना ही नहीं बाजारों में तरह-तरह के घड़े और सुराही देखने को मिल रही हैं. इन दिनों बाजारों में मिलने वाली सुराही और घड़ों में टोंटी भी उपलब्ध है, जिससे घड़े में रखा पानी गंदा ना हो और लोग टोंटी के माध्यम से पानी पी सकें.

लोगों का कहना है कि मिट्टी से बने घड़े और सुराही का ठंडा पानी सेवन करने से कोई नुकसान नहीं होता है. बाजार में मिलने वाली कच्ची बर्फ और फ्रिज का ठंडा पानी पीने से सर्दी-जुकाम, बुखार जैसी बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं. मिट्टी से बने घड़े और सुराही का पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा किया हुआ होता है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है.

हल्द्वानीः सूरज की तपिश बढ़ने के साथ ही तापमान में भी इजाफा हो रहा है. ऐसे में गर्मी से बचने के लिए लोग शीतल पेय पदार्थ समेत ठंडे पानी का सहारा ले रहे हैं. कई लोग फ्रिज, घड़े और सुराही के पानी का सेवन कर शरीर की गर्मी को कम कर रहे हैं. वहीं, गर्मी बढ़ने के साथ ही बाजारों में मिट्टी की सुराही और घड़े की डिमांड बढ़ गई है. ऐसे में मिट्टी के बर्तन बेचने वाले दुकानदारों को उम्मीद है कि लॉकडाउन 4 में कुछ राहत मिलने के बाद अब उनके कारोबार में भी इजाफा होगा.

गर्मी बढ़ते ही मिट्टी के घड़ों और सुराही की बढ़ी डिमांड

मध्यवर्गीय परिवार में प्यास बुझाने के लिए देसी फ्रिज कहे जाने वाले घड़ा और सुराही एकमात्र सहारा रह गये हैं. गर्मी में मांग बढ़ने पर मिट्टी के बर्तन विक्रेताओं की ओर से जगह-जगह फड़ लगाकर घड़े और सुराही की बिक्री की जा रही है. घड़े और सुराही की कीमत ₹50 से लेकर ₹200 तक है. ऐसे में तपती गर्मी में राहत पाने के लिए लोग घड़े और सुराही का पानी पी रहे हैं.

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इतना ही नहीं बाजारों में तरह-तरह के घड़े और सुराही देखने को मिल रही हैं. इन दिनों बाजारों में मिलने वाली सुराही और घड़ों में टोंटी भी उपलब्ध है, जिससे घड़े में रखा पानी गंदा ना हो और लोग टोंटी के माध्यम से पानी पी सकें.

लोगों का कहना है कि मिट्टी से बने घड़े और सुराही का ठंडा पानी सेवन करने से कोई नुकसान नहीं होता है. बाजार में मिलने वाली कच्ची बर्फ और फ्रिज का ठंडा पानी पीने से सर्दी-जुकाम, बुखार जैसी बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं. मिट्टी से बने घड़े और सुराही का पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा किया हुआ होता है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है.

Last Updated : May 27, 2020, 5:43 PM IST
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