रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (Corbett Tiger Reserve) एवं वन विभाग के क्षेत्र में बाघ का आतंक है. बाघ के आतंक के कारण यहां लोग डर के साये में जीने को मजबूर हैं. बाघ के कारण ही इस क्षेत्र के स्कूली बच्चों को बंदूकधारियों (Children going school under Supervision of gunmen) की पहरेदारी में लाया और छोड़ा जाता है. वन विभाग के कर्मचारी इस जिम्मेदारी को निभाते हैं.
बता दें स्कूली बच्चों की यह तस्वीर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगते हुए ग्रामीण क्षेत्र की है. जहां पर स्कूल के बच्चे बंदूकधारियों के साए में अपने घर तक पहुंचते हैं. बच्चों को बंदूकधारी स्कूल लाने और छोड़ने का कार्य करते हैं. मोहान क्षेत्र में पढ़ने वाले स्कूली बच्चों को स्कूल जाने और छोड़ने की जिम्मेदारी वन विभाग के बंदूकधारी कर्मचारियों की है.
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बता दें पिछले एक वर्ष में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क रामनगर से लेकर हल्द्वानी तक के जंगलों के आसपास रहने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में बाघ ने लगभग एक दर्जन से अधिक लोगों को अपना शिकार बना चुका है. जिस वजह से जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क रामनगर, कालाढूंगी और हल्द्वानी के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग दहशत के साए में जी रहे हैं. साथ ही पिछले कुछ समय से बाघ का शिकार बने लोग इस खौफ की गवाही देते हैं.
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वहींं, स्कूल के शिक्षक बताते हैं कि जंगल के आसपास बाघ का खतरा बना हुआ है. पिछले कुछ माह पूर्व बाघ द्वारा इस क्षेत्र में हमला कर दिया गया था. जिसमें एक की मौत भी हो गयी थी. जिस वजह से स्कूल के बच्चों की छुट्टी और स्कूल खुलने के समय वन विभाग के कर्मचारी बच्चों के साथ-साथ बंदूक और डंडे लेकर चलते हैं. जिससे बच्चों को सुरक्षित स्कूल लाया और उन्हें घर छोड़ा जा सके.