रामनगर: रामनगर के गोरखपुर गांव में दिमागी बुखार के मामले सामने आने के बाद प्रशासन अलर्ट मोड है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) ने रामनगर में प्रशासन के साथ दिमागी बुखार के टीके लगाने को लेकर अहम बैठक की. बैठक में तय हुआ है कि नैनीताल जनपद के तीन मैदानी ब्लॉक कोटाबाग, हल्द्वानी और रामनगर में 11 जुलाई से 1 से 15 साल तक के बच्चों को दिमागी बुखार के टीके लगेंगे.
बता दें, देश में कई जगह दिमागी बुखार (Encephalitis) के कारण मरने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है. रामनगर के गोरखपुर गांव में भी बच्चों में दिमागी बुखार के मामले सामने आए हैं. एसडीएम कार्यालय में हुई बैठक में नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत कौशिक ने बताया कि 11 जुलाई से बच्चों को जैपनीज एनसेफ इन्सेफेलाइटिस (Japanese encephalitis) के टीके बच्चों को लगाये जाने हैं.
डॉ. प्रशांत कौशिक ने बताया कि बच्चों को टीका लगाने के लिए तीन हफ्ते का समय निर्धारित किया गया, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो इसे आगे भी बढ़ाया जाएगा. टीके पहले सरकारी स्कूलों में लगाए जाएंगे उसके बाद निजी स्कूलों को रुख किया जाएगा. मदरसों और आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बच्चों को टीका लगाया जाएगा. उसके बाद जो बच्चे छूट जाएंगे उनको घर-घर जाकर टीके लगाए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि बच्चों को टीका लगाने के लिए सभी स्कूल संचालकों को निर्देशित किया गया है. स्कूल संचालकों को टीके के लिए कमरों को तैयार करने को कहा गया है, जिसमें पहले कमरे में वेटिंग रूम, दूसरे में टीकाकरण और तीसरे कमरे में ऑब्जरवेशन बनाने को कहा गया है. साथ ही टीकाकरण के दिन अनुत्तीर्ण बच्चों की लिस्ट मांगी गई है, ताकि बाद में उन्हें घर जाकर टीका लगाए जा सके.
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दिमागी बुखार के मुख्य लक्षण: दिमागी बुखार के मुख्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और गर्दन का अकड़ना शामिल है. मुख्य लक्षण दिमागी बुखार से ग्रसित ज्यादातर लोगों को सिरदर्द होता है. अधिकांश रोगियों में गर्दन की अकड़न होती है. ज्यादातर मरीजों को बुखार और ठंड लगती है. कई लोगों को उल्टी होती है.
क्या है दिमागी बुखार: इंसेफेलाइटिस यानी दिमागी बुखार एक एक्यूट सूजन की समस्या है, जो कि मस्तिष्क के ऊतकों में आती है. इस समस्या के होने के पीछे वायरल संक्रमण यानि सामान्य बुखार सबसे आम कारण है. कुछ मामलों में यह बैक्टीरिया या कवक के कारण भी हो सकता है.
डॉक्टर को दिखाएं: इससे बचने के लिए वैक्सीन लेनी चाहिए. मच्छरों से बचाव करें. शरीर के किसी हिस्से को खुला न छोड़ें. खाने से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह धोएं. खाने पीने का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि कुपोषित बच्चों को इसका सबसे अधिक खतरा होता है. दिमागी बुखार के लक्षण नजर आने पर बिना देरी किए डॉक्टर को दिखाएं.