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अनाथ बच्चों को कानूनी प्रक्रिया के तहत ही गोद लिया जाए: बाल आयोग - उषा नेगी

उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने कोरोना महामारी में अनाथ हो चुके बच्चों के बारे में चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों की सुरक्षा पुलिस को करनी चाहिए.

उषा नेगी, अध्यक्ष बाल अधिकार संरक्षण आयोग
उषा नेगी, अध्यक्ष बाल अधिकार संरक्षण आयोग
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Published : May 11, 2021, 3:06 PM IST

हल्द्वानी: कोविड के कहर ने कई परिवारों के आगे दुखों का पहाड़ खड़ा कर दिया है. कई ऐसे परिवार हैं जिनके यहां केवल बच्चे बचे हैं. कोविड के कहर से अनाथ हुए बच्चों को लेकर बाल आयोग ने चिंता जाहिर की है. उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने अनाथ हो चुके बच्चों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इन बच्चों के बेहतर भविष्य और उनकी सुरक्षा के मद्देनजर गृह मंत्रालय और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और डीजीपी को पत्र लिखा है.

कानूनी प्रक्रिया से ही गोद लिए जाएंगे अनाथ बच्चे

कानूनी प्रक्रिया के तहत लिया जाए अनाथ बच्चों को गोद

बाल आयोग के अध्यक्ष उषा नेगी ने कहा है कि कोरोना में अनाथ हो चुके बच्चों के बेहतर भविष्य और उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार को कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सोशल मीडिया में अनाथ बच्चों को गोद लेने की चर्चाएं चल रही हैं उससे बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा.

उन्होंने आशंका जताई कि सोशल मीडिया में गोद लेने की प्रक्रिया के चलते अनाथ हो चुकी बच्चियां देह व्यापार में धकेली जा सकती हैं. इसके अलावा जो बच्चे अनाथ हो चुके हैं उनको बाल श्रम, भीख मंगवाने और अवैध कामों में धकेला जा सकता है. ऐसे में पुलिस और सरकार को चाहिए कि इन अनाथ हो चुके बच्चों के प्रति गंभीरता दिखाते हुए कानूनी रूप से गोद देने की प्रक्रिया बनाया जाए. जिससे इन बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके.

पढ़ें: कोरोना से लड़ने आगे आईं इंदिरा, नगर निगम को सैनिटाइजेशन के लिए दिए 10 लाख

आयोग के अध्यक्ष ने कहा है कि जिन परिवार के लोग कोरोना संक्रमित हैं और उनका अस्पतालों में इलाज चल रहा है, उनके घर के छोटे-छोटे बच्चों को पुलिस अपने पास रखे साथ ही इस तरह के मामले को पुलिस बाल आयोग को सूचित करे.

हल्द्वानी: कोविड के कहर ने कई परिवारों के आगे दुखों का पहाड़ खड़ा कर दिया है. कई ऐसे परिवार हैं जिनके यहां केवल बच्चे बचे हैं. कोविड के कहर से अनाथ हुए बच्चों को लेकर बाल आयोग ने चिंता जाहिर की है. उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने अनाथ हो चुके बच्चों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इन बच्चों के बेहतर भविष्य और उनकी सुरक्षा के मद्देनजर गृह मंत्रालय और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और डीजीपी को पत्र लिखा है.

कानूनी प्रक्रिया से ही गोद लिए जाएंगे अनाथ बच्चे

कानूनी प्रक्रिया के तहत लिया जाए अनाथ बच्चों को गोद

बाल आयोग के अध्यक्ष उषा नेगी ने कहा है कि कोरोना में अनाथ हो चुके बच्चों के बेहतर भविष्य और उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार को कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सोशल मीडिया में अनाथ बच्चों को गोद लेने की चर्चाएं चल रही हैं उससे बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा.

उन्होंने आशंका जताई कि सोशल मीडिया में गोद लेने की प्रक्रिया के चलते अनाथ हो चुकी बच्चियां देह व्यापार में धकेली जा सकती हैं. इसके अलावा जो बच्चे अनाथ हो चुके हैं उनको बाल श्रम, भीख मंगवाने और अवैध कामों में धकेला जा सकता है. ऐसे में पुलिस और सरकार को चाहिए कि इन अनाथ हो चुके बच्चों के प्रति गंभीरता दिखाते हुए कानूनी रूप से गोद देने की प्रक्रिया बनाया जाए. जिससे इन बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके.

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आयोग के अध्यक्ष ने कहा है कि जिन परिवार के लोग कोरोना संक्रमित हैं और उनका अस्पतालों में इलाज चल रहा है, उनके घर के छोटे-छोटे बच्चों को पुलिस अपने पास रखे साथ ही इस तरह के मामले को पुलिस बाल आयोग को सूचित करे.

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