नैनीताल: सीडीएस बिपिन रावत अपने पैतृक गांव सैंण बिरमौली आकर बसना चाहते थे, लेकिन उनका सपना अधूरा रह गया. बिपिन रावत की इच्छा गांव में रहकर क्षेत्रवासियों की सेवा करने की थी. सीडीएस बिपिन रावत का उत्तराखंड की पहाड़ियों से खास लगाव था. बिपिन रावत अक्सर अपने संबोधन में उत्तराखंड की बातें किया करते थे.
2019 में पद्मश्री सम्मान समारोह में नैनीताल निवासी अनूप शाह से उनकी मुलाकात हुई थी. उस दौरान उन्होंने अनूप से उत्तराखंड की खूबसूरती और पहाड़ से लगाव के बारे में खुलकर बात की थी. अनूप शाह बताते हैं कि जैसे ही उन्होंने अपना परिचय उत्तराखंड निवासी अनूप शाह से शुरू किया, तो बिपिन रावत बेहद खुश हो गए और उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया था. इस दौरान उन्होंने उनके और उनकी पत्नी के साथ फोटो खिंचवाई. जिसके बाद उन्होंने अपने संबोधन में उत्तराखंड की खूबसूरती, यहां के शक्तिशाली युवाओं और उत्तराखंड के जोश के बारे में लोगों को बताया.
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अनूप शाह ने बताया कि बिपिन रावत देश के शीर्ष स्थान पर होने के बावजूद भी बेहद सौम्य स्वभाव के थे. कार्यक्रम के दौरान वो सभी लोगों से आम आदमी की तरह मुलाकात कर रहे थे. बिपिन रावत के साथ की यादों को ताजा करते हुए अनूप शाह की आंख भर आई. उन्होंने बिपिन रावत को श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
बिपिन रावत ने अपनी बातें अनूप साह से साझा करते हुए कहा था कि जल्द ही अपने पैतृक गांव में आकर घर बनाकर रहेंगे और गांव के लोगों की तन मन धन से सेवा करेंगे, लेकिन आज उनका सपना अधूरा रह गया.