नैनीताल: कोरोना लॉकडाउन से व्यापारियों को नुकसान के साथ-साथ परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के चलते आज देशभर के सभी व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गए हैं. इसका असर पर्यटन कारोबार में भी दिखने लगा है. नैनीताल के केव गार्डन को भी लॉकडाउन के बाद करोड़ों का घाटा हुआ है.
हर साल गर्मियों के सीजन के दौरान नैनीताल आने वाले पर्यटक लाखों की संख्या में केव गार्डन आते थे. इससे कुमाऊं मंडल विकास निगम को हर साल एक करोड़ 40 लाख के आसपास का राजस्व मिलता था. लेकिन लॉकडाउन के बाद केव गार्डन में सन्नाटा पसरा हुआ है. इससे कुमाऊं मंडल विकास निगम को घाटा हो रहा है. बीते साल पर्यटन सीजन के दौरान केव गार्डन में एक लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे थे.
केव गार्डन की मैनेजर लता बिष्ट ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से उनको हर रोज करीब एक लाख से अधिक का घाटा हो रहा है.
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बता दें कि, नैनीताल के इस केव गार्डन का नाम यहां की सुंदर-सुंदर गुफाओं की वजह से पड़ा है. इस गार्डन में छह अलग-अलग गुफाएं हैं. कुछ साल पहले तक टाइगर, पैंथर, फ्लाइंग फोक्सेस, चमगादड़ समेत अन्य जानवर इनमें रहते थे. इन्हीं के के कारण इस गार्डन का नाम केव गार्डन पड़ा है. एडवेंचर और रोमांच के शौकीन नैनीताल आकर केव गार्डन का दीदार करना नहीं भूलते हैं. केव गार्डन की सभी गुफाएं पूर्ण रूप से प्राकृतिक हैं. इनमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या पर्यटकों को लुभाने के लिए आर्टिफिशियल काम नहीं किया गया है. लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते यह पर्यटक स्थल पूरी तरह से वीरान पड़ा हुआ है.