नैनीताल: कुमाऊं विश्वविद्यालय के दो पूर्व छात्र नेताओं पर लेखा परीक्षक को जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा है. इस मामले में कर्मचारियों ने अपना रोष व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय में तालाबंदी कर कामकाज ठप रखा. कर्मचारियों ने लेखा परीक्षक को धमकी देने वाले पूर्व छात्रों पर मुकदमा दर्ज कार्रवाई करने की मांग की है.
विश्वविद्यालय के आंतरिक लेखा परीक्षक दीपक बिष्ट का आरोप है कि बुधवार शाम को डीएसबी कैंपस के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पंकज भट्ट अपने साथ विकास जोशी और एक अन्य अज्ञात छात्र के साथ दीक्षांत समारोह के बिल पास होने में देरी को लेकर उनसे बात करने आए थे. आरोप है कि इस दौरान तीनों ने बिष्ट के साथ अभद्रता की और उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी. इसी बात से गुस्साएं विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने सभी कामकाज को ठप कर तीनों छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. दीक्षांत समारोह में हुए सभी खर्चों के व्यय की जांच शासन स्तर पर करने व मामले में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग भी की है.
पढ़ें- गलवान शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए माणा के लिए रवाना हुआ कांग्रेस सेवादल
बात दें कि कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में बीते मार्च महीने में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया था. जिसमें इन छात्र नेताओं को टेंट लगाने के लिए 2.50 लाख व खानपान की व्यवस्था के लिए तीन लाख रुपए का टेंडर दिया गया था, लेकिन इन छात्रों ने ये बिल 6.50 लाख रुपए से बढ़ाकर 22 रुपए लाख कर दिया था. जिसके भुगतान को लेकर ये छात्र नेता लगातार विश्वविद्यालय के चक्कर काट रहे हैं. बिल पास कराने को लेकर इन्होंने बुधवार शाम को विश्वविद्यालय के दो कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी भी दी. हालांकि कर्मचारियों के हंगामे के बाद इस मामले में कुमाऊं विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार खेमराज भट्ट ने दोनों छात्र नेताओं के खिलाफ मल्लीताल कोतवाली में तहरीर दी है.