हल्द्वानी: तराई पूर्वी वन प्रभाग पहली खटीमा वन प्रभाग के सुरई रेंज के संवेदनशील जंगलों में गुप्त कैमरे से निगरानी करने जा रहा है. जंगलों में दिखाई नहीं देने वाला इस कैमरे की निगरानी वन विभाग के अधिकारी घर बैठे अपने मोबाइल पर कर सकते हैं. वन विभाग पहली बार ट्रायल के तौर पर 5 कैमरा ट्रैप लगाने जा रहा है. कैमरा ट्रैप लग जाने से वन तस्करों की निगरानी के साथ-साथ की पेट्रोलिंग और वन्यजीव संघर्ष की निगरानी हो सकेगी.
डीएफओ तराई पूर्वी वन प्रभाग संदीप कुमार ने बताया कि अभी तक जंगलों में लगाए जाने वाले कैमरे ट्रैप हाईटेक नहीं होने के चलते उनकी निगरानी में विभाग को काफी दिक्कत आ रही थी. जंगलों में लगाए जाने वाले कैमरे को निकाल कर उसको कंप्यूटर के माध्यम से गतिविधियों की जानकारी हासिल की जाती थी. लेकिन पहली बार अब विभाग द्वारा स्टील कैमरे को जंगलों में लगाने का काम शुरू करने जा रहा है. जो इंटरनेट से कनेक्ट होंगे और विभागीय अधिकारी अपने मोबाइल पर घर बैठे सब देख सकेंगे.
उन्होंने बताया कि कैमरा ट्रैप लग जाने से जहां वन्यजीव तस्करों की निगरानी की जा सकेगी. इसके अलावा जंगलों में पेट्रोलिंग की क्या स्थिति है उसकी भी निगरानी होगी. वन्यजीवों के आपसी संघर्ष की भी निगरानी हो सकेगी और पहली बार ऐसा होगा कि इस कैमरे के माध्यम से साउंड भी रिकॉर्ड की जाएगी.
पढ़ें:हाई कोर्ट ने NIOS से ब्रिज कोर्स कर चुके अभ्यर्थियों के मामले में सरकार से मांगा जवाब
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में इसकी शुरुआत सुरई रेंज से की जा रही है. जहां संवेदनशील जगहों पर कैमरा ट्रैप इंस्टॉल किये जा रहे हैं. प्रथम चरण में ट्रायल के तौर पर 5 कैमरे लगाए जाएंगे. कैमरे के परिणाम अच्छे होने पर पूरी रेंज में कैमरे लगाए जाएंगे.