ETV Bharat / state

काठगोदाम रेलवे स्टेशन की शान बढ़ा रहा है 'कुमाऊं टाइगर', कभी चढ़ाई में भी खींचता था बोगियां - काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर भाप रेल इंजन

'कुमाऊं टाइगर' के नाम से मशहूर भाप का इंजन अब काठगोदाम रेलवे स्टेशन की शोभा बढ़ा रहा है. 'कुमाऊं टाइगर' कभी काठगोदाम रेलवे स्टेशन से लोगों को रेल यात्रा के माध्यम से दूर तक ले जाया करता था. लेकिन बदलते दौर के साथ अब भाप वाले इंजन की जगह डीजल और इलेक्ट्रिक इंजन ने ले ली है.

kumaon tiger
कुमाऊं टाइगर
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 13, 2023, 4:15 PM IST

हल्द्वानीः 'कुमाऊं टाइगर' के नाम से मशहूर ब्रिटिशकालीन ट्रेन का भाप रेल इंजन नैनीताल के काठगोदाम रेलवे स्टेशन की शोभा बढ़ा रहा है. रेलवे ने साल 1886 में बने इस भाप के इंजन को धरोहर के रूप में संजोने की पहल की है. यह भाप का इंजन 19वीं सदी में कुमाऊं मंडल के लोगों को काठगोदाम से लखनऊ लाने ले जाने का काम करता था. कुमाऊं की शान कहे जाने वाला भाप का इंजन अब काठगोदाम रेलवे स्टेशन की शोभा बढ़ा रहा है.

kumaon tiger
काठगोदाम रेलवे स्टेशन की शान बना कुमाऊं टाइगर

काठगोदाम रेलवे स्टेशन के पूर्व स्टेशन मास्टर चयन रॉय का कहना है कि 19वीं सदी में कुमाऊं के लोगों को दूर-दूर तक यात्रा पर ले जाने वाला 'कुमाऊं टाइगर' पिछले 6 महीने से काठगोदाम रेलवे स्टेशन परिसर पर देखने को मिल रहा है. स्टेशन परिसर में प्रदर्शनी के लिए लगाए गए 'कुमाऊं टाइगर' के नाम से मशहूर इस भाप के इंजन को 'टाइगर' के नाम से भी इसलिए जाना जाता है क्योंकि यह काठगोदाम की चढ़ाई में भी बोगियों को टाइगर की तरह खींचकर लेकर जाता था. इससे पूर्व यह पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल कार्यालय के बाहर प्रदर्शनी के लिए लगाया गया था जिसे अब काठगोदाम में लगाया गया है.
ये भी पढ़ेंः ब्रिटिशकालीन भाप रेल इंजन 'कुमाऊं टाइगर' बना धरोहर, काठगोदाम स्टेशन की बढ़ाएगा शान

पूर्व स्टेशन मास्टर का कहना है कि हल्द्वानी से पहाड़ के लिए जाने वाले लोगों के लिए और कुमाऊं परिक्षेत्र के लोगों को इस भाप के इंजन को देखकर गर्व की अनुभूति हो, इसलिए इसे यहां प्रदर्शित किया गया है. लोग 'कुमाऊं टाइगर' के साथ सेल्फी खींच रहे हैं. यह काठगोदाम के रेलवे स्टेशन का सम्मान है, क्योंकि इस 'कुमाऊं टाइगर' ने काठगोदाम से ही यात्रा शुरू कर लोगों को दूर-दूर तक पहुंचाया है.

kumaon tiger
19वीं सदी में कुमाऊं मंडल के लोगों को काठगोदाम से यात्रा कराता था.

हल्द्वानीः 'कुमाऊं टाइगर' के नाम से मशहूर ब्रिटिशकालीन ट्रेन का भाप रेल इंजन नैनीताल के काठगोदाम रेलवे स्टेशन की शोभा बढ़ा रहा है. रेलवे ने साल 1886 में बने इस भाप के इंजन को धरोहर के रूप में संजोने की पहल की है. यह भाप का इंजन 19वीं सदी में कुमाऊं मंडल के लोगों को काठगोदाम से लखनऊ लाने ले जाने का काम करता था. कुमाऊं की शान कहे जाने वाला भाप का इंजन अब काठगोदाम रेलवे स्टेशन की शोभा बढ़ा रहा है.

kumaon tiger
काठगोदाम रेलवे स्टेशन की शान बना कुमाऊं टाइगर

काठगोदाम रेलवे स्टेशन के पूर्व स्टेशन मास्टर चयन रॉय का कहना है कि 19वीं सदी में कुमाऊं के लोगों को दूर-दूर तक यात्रा पर ले जाने वाला 'कुमाऊं टाइगर' पिछले 6 महीने से काठगोदाम रेलवे स्टेशन परिसर पर देखने को मिल रहा है. स्टेशन परिसर में प्रदर्शनी के लिए लगाए गए 'कुमाऊं टाइगर' के नाम से मशहूर इस भाप के इंजन को 'टाइगर' के नाम से भी इसलिए जाना जाता है क्योंकि यह काठगोदाम की चढ़ाई में भी बोगियों को टाइगर की तरह खींचकर लेकर जाता था. इससे पूर्व यह पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल कार्यालय के बाहर प्रदर्शनी के लिए लगाया गया था जिसे अब काठगोदाम में लगाया गया है.
ये भी पढ़ेंः ब्रिटिशकालीन भाप रेल इंजन 'कुमाऊं टाइगर' बना धरोहर, काठगोदाम स्टेशन की बढ़ाएगा शान

पूर्व स्टेशन मास्टर का कहना है कि हल्द्वानी से पहाड़ के लिए जाने वाले लोगों के लिए और कुमाऊं परिक्षेत्र के लोगों को इस भाप के इंजन को देखकर गर्व की अनुभूति हो, इसलिए इसे यहां प्रदर्शित किया गया है. लोग 'कुमाऊं टाइगर' के साथ सेल्फी खींच रहे हैं. यह काठगोदाम के रेलवे स्टेशन का सम्मान है, क्योंकि इस 'कुमाऊं टाइगर' ने काठगोदाम से ही यात्रा शुरू कर लोगों को दूर-दूर तक पहुंचाया है.

kumaon tiger
19वीं सदी में कुमाऊं मंडल के लोगों को काठगोदाम से यात्रा कराता था.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.