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हरित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत युवाओं को मिली पक्षी जीवन शैली की जानकारी - information about birds

कालाढूंगी में इन दिनों यपवाओं को हरित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत पक्षियों के बारे में जानकारी दी जा रही है. प्रशिक्षण पाने वाले युवाओं को पक्षियों की जीवन शैली के बारे में नई नई जानकारी सीखने को मिली. यह प्रशिक्षण पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दी जा रही है.

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युवाओ को ट्रेनिंग
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Published : Jan 18, 2020, 7:06 PM IST

कालाढूंगी: बैलपड़ाव क्यारी क्षेत्र में इन दिनों युवाओं को पर्यारवरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा हरित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है. 18 दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान में किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में युवाओं को पक्षी पहचान एवं बुनियादी पक्षी विज्ञान का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. युवाओं को प्रशिक्षणकर्ता ने पक्षियों की जीवन शैली के बारे में बारीकी से अध्ययन को कहा गया है.

पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के तत्वधान में हरित कौशल विकास कार्यक्रम में ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को पक्षियों की छायाचित्र की बारीकियों से समझाया गया साथ ही पक्षी की जीवन शैली को ध्यान में रखकर उसके रहन-सहन के दस्तावेज बनाने को कहा. जिससे प्रशिक्षणार्थी को पक्षियों को करीब से पहचाने एवं इसके बारे में जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी. प्रशिक्षण लेने आये प्रशिक्षणार्थियों ने कहा की हमने प्रशिक्षण के दौरान पक्षियों के बारे में बहुत कुछ सीखा और नई जानकारी हासिल की.

हरित कौशल विकास

ये भी पढ़े: CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की पीएम मोदी से मुलाकात, उत्तराखंड आने का दिया न्योता

प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागड़ी ने बताया कि गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालियी पर्यावरण के बच्चों को पक्षियों के बारे में बताया गया है और ट्रेनर बच्ची सिंह बिष्ट ने कहा कि पर्यावण मंत्रालय भारत सरकार की ओर से बच्चों को प्रक्षिक्षण दिया जा रहा है कि कैसे इसमें युवा रोजगार तलाश सकते हैं ? वहीं ये पक्षियों के संरक्षण के लिए भी बहुत जरूरी है.

कालाढूंगी: बैलपड़ाव क्यारी क्षेत्र में इन दिनों युवाओं को पर्यारवरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा हरित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है. 18 दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान में किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में युवाओं को पक्षी पहचान एवं बुनियादी पक्षी विज्ञान का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. युवाओं को प्रशिक्षणकर्ता ने पक्षियों की जीवन शैली के बारे में बारीकी से अध्ययन को कहा गया है.

पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के तत्वधान में हरित कौशल विकास कार्यक्रम में ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को पक्षियों की छायाचित्र की बारीकियों से समझाया गया साथ ही पक्षी की जीवन शैली को ध्यान में रखकर उसके रहन-सहन के दस्तावेज बनाने को कहा. जिससे प्रशिक्षणार्थी को पक्षियों को करीब से पहचाने एवं इसके बारे में जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी. प्रशिक्षण लेने आये प्रशिक्षणार्थियों ने कहा की हमने प्रशिक्षण के दौरान पक्षियों के बारे में बहुत कुछ सीखा और नई जानकारी हासिल की.

हरित कौशल विकास

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प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागड़ी ने बताया कि गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालियी पर्यावरण के बच्चों को पक्षियों के बारे में बताया गया है और ट्रेनर बच्ची सिंह बिष्ट ने कहा कि पर्यावण मंत्रालय भारत सरकार की ओर से बच्चों को प्रक्षिक्षण दिया जा रहा है कि कैसे इसमें युवा रोजगार तलाश सकते हैं ? वहीं ये पक्षियों के संरक्षण के लिए भी बहुत जरूरी है.

Intro:कालाढुंगी के बैलपड़ाव क्यारी क्षेत्र में इन दिनों पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान मैं मैं हरित कौशल विकास कार्यक्रम का 18 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का अयोजन गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान के इंविस केंद्र द्वारा पक्षी पहचान एवं बुनियादी पक्षी विज्ञान का प्रक्षिक्षण दिया जा रहा है। प्रक्षिक्षण के दौरान प्रक्षिक्षणकर्ता पक्षियों की जीवन शैली को बारीकी से अध्ययन करने को कहा है।Body:पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के तत्वधान में हरित कौशल विकास कार्यक्रम का 18 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान के इनविस केंद्र द्वारा पक्षी पहचान एवं बुनियादी पक्षी विज्ञान का 18 दिवसीय प्रशिक्षण कालाढुंगी के क्यारी में किया जा रहा है|
ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को पक्षियों की छायाचित्र की बारीकियों समझाया गया तथा उनके द्वारा प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को एक पक्षी की जीवन शैली को ध्यान में रखकर उसके रहन-सहन के दस्तावेज बनाने को कहा, जिससे प्रशिक्षणार्थी और करीब से पक्षियों को पहचान एवं इनका ज्ञान प्राप्त कर सकें|
वही इस मौके पर प्रशिक्षण लेने आये प्रशिक्षणार्थियों ने कहा की हमने बहुत सारी बर्ड्स यहाँ नहीं देखि और बहुत कुछ नया सीखने को मिला।Conclusion:प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागड़ी ने बताया कि गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालियी पर्यावरण के बच्चों को पक्षियों के बारे मैं बताया गया है और ट्रेनर बच्ची सिंह बिष्ट ने बताया कि पर्यावण मंत्रालय भारत सरकार की ओर से बच्चों को प्रक्षिक्षण दिया जा रहा है कैसे इसमें युवे रोजगार तलाश सकते है और पक्षियों के संरक्षण के लिए बहुत जरूरी है।
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