नैनीतालः सरोवरनगरी नैनीताल में सोमवार को भोजन माताओं ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. भोजन माताओं ने 5 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सचिव व कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला के कार्यालय का घेराव किया. भोजन माताओं ने मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की. इस दौरान भोजन माताओं का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें जल्द से जल्द पूरी नहीं की तो वह देहरादून और दिल्ली में जाकर प्रदर्शन करेंगी.
भोजन माताओं का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी उज्जवला गैस योजना केवल नाम मात्र की योजना है. इसका फायदा भोजन माताओं को नहीं दिया जा रहा. जिससे नैनीताल में 868 और प्रदेश भर में करीब 27 हजार भोजन माताएं आज भी लकड़ियों पर खाना बनाने को मजबूर हैं, जिस वजह से भोजन माताओं को सांस समेत आंखों की बीमारी हो रही है.
उनका कहना है कि खाना बनाने के लिए सरकार द्वारा उनको लकड़ियां तक मुहैया नहीं कराई जाती और खाना बनाने के लिए वह खुद जंगल जाकर लकड़ियां लाती हैं जिससे उनकी जान पर जानवरों से खतरा मंडराता रहता है.
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इस दौरान भोजन माताओं ने राज्य सरकार से सामान्य कार्य समान वेतन, उज्जवला गैस कनेक्शन देने, न्यूनतम वेतन 18 हजार करने, प्रसूति अवकाश और सरकारी कर्मचारियों की भांति साल में 14 अवकाश देने समेत 27 बच्चों पर दूसरी भोजन माता की नियुक्ति करने की मांग की है. वहीं भोजन माताओं का कहना है कि अगर राज्य सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करेगी तो वह राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.