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पर्यटकों की पहली पसंद बना भालू गाड़ वाटरफॉल, लेकिन जिम्मेदार नहीं लेते सुध

मुक्तेश्वर में स्थित भालूगाड़ झरना पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां हर साल घूमने के लिए सैकड़ों की संख्या में पर्यटक आते हैं. भालूगाड़ फॉल का रखरखाव यहां के स्थानीय निवासी कर रहे हैं. इस वाटर फॉल देखने वाले जो भी पर्यटक आते हैं, उनसे मिली धनराशि को यहां के रखरखाव में खर्च किया जाता है.

Bhalu Gaad Waterfall
भालू गाड़ वाटरफॉल
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Published : Sep 16, 2022, 3:57 PM IST

हल्द्वानी: नैनीताल जनपद के मुक्तेश्वर में स्थित भालूगाड़ झरना कुमाऊं के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्‍थलों में से एक है. यहां 56 फीट ऊपर पानी गिरता है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. मुक्तेश्वर आने वाले पर्यटक एक बार यहां जाने की ख्वाहिश जरूर रखते हैं. मुख्य सड़क से इस झरने तक पहुंचने के लिए करीब डेढ़ से दो किमी पैदल भी चलना पड़ता है. बांज व बुरांश से घिरे घने जंगल और साथ में बहती नदी ट्रैक को और खूबसूरत बना देती है. देश-विदेश के सैलानी भालूगाड़ वाटर फॉल को देखने आते हैं.

भालूगाड़ झरना में मछलियों की कई प्रजातियां भी हैं. कर्नाटक से पर्यटक के तौर पर यहां घूमने आये वैज्ञानिक डॉ. राजेश बताते हैं, यहां मछली की एक प्रजाति प्राकृतिक तौर पर पेडीक्योर कर रही हैं. आमतौर पर लोग पेडीक्योर के लिए एक हजार से पंद्रह सौ रुपए तक बाजार में खर्च करते हैं. लेकिन नेचुरल पेडीक्योर चाहिए तो भालूगाड़ वॉटरफॉल आइए और इस का मजा लीजिए.

मुक्तेश्वर का भालू गाड़ वाटरफॉल
पढ़ें - भारी बारिश के अलर्ट के बाद रोकी गई केदारनाथ की पैदल यात्रा, सोनप्रयाग गौरीकुंड में रुके यात्री

गौरतलब है कि नैनीताल में बहुत सारे पर्यटन स्‍थल ऐसे हैं, जहां पर्यटक तो पहुंचते हैं, लेकिन पर्यटन विभाग उनको लेकर गंभीर नहीं है. भालूगाड़ फॉल का रखरखाव यहां के स्थानीय निवासी कर रहे हैं. इस वाटर फॉल देखने वाले जो भी पर्यटक आते हैं, उनसे मिली धनराशि को यहां के रखरखाव में खर्च किया जाता है. आम तौर पर यहां प्रतिदिन 100-150 पर्यटक और पर्यटन सीजन में 400-500 पर्यटक रोजाना यहां पहुंचते हैं.

हल्द्वानी: नैनीताल जनपद के मुक्तेश्वर में स्थित भालूगाड़ झरना कुमाऊं के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्‍थलों में से एक है. यहां 56 फीट ऊपर पानी गिरता है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. मुक्तेश्वर आने वाले पर्यटक एक बार यहां जाने की ख्वाहिश जरूर रखते हैं. मुख्य सड़क से इस झरने तक पहुंचने के लिए करीब डेढ़ से दो किमी पैदल भी चलना पड़ता है. बांज व बुरांश से घिरे घने जंगल और साथ में बहती नदी ट्रैक को और खूबसूरत बना देती है. देश-विदेश के सैलानी भालूगाड़ वाटर फॉल को देखने आते हैं.

भालूगाड़ झरना में मछलियों की कई प्रजातियां भी हैं. कर्नाटक से पर्यटक के तौर पर यहां घूमने आये वैज्ञानिक डॉ. राजेश बताते हैं, यहां मछली की एक प्रजाति प्राकृतिक तौर पर पेडीक्योर कर रही हैं. आमतौर पर लोग पेडीक्योर के लिए एक हजार से पंद्रह सौ रुपए तक बाजार में खर्च करते हैं. लेकिन नेचुरल पेडीक्योर चाहिए तो भालूगाड़ वॉटरफॉल आइए और इस का मजा लीजिए.

मुक्तेश्वर का भालू गाड़ वाटरफॉल
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गौरतलब है कि नैनीताल में बहुत सारे पर्यटन स्‍थल ऐसे हैं, जहां पर्यटक तो पहुंचते हैं, लेकिन पर्यटन विभाग उनको लेकर गंभीर नहीं है. भालूगाड़ फॉल का रखरखाव यहां के स्थानीय निवासी कर रहे हैं. इस वाटर फॉल देखने वाले जो भी पर्यटक आते हैं, उनसे मिली धनराशि को यहां के रखरखाव में खर्च किया जाता है. आम तौर पर यहां प्रतिदिन 100-150 पर्यटक और पर्यटन सीजन में 400-500 पर्यटक रोजाना यहां पहुंचते हैं.

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