रामनगर: लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की घर वापसी के लिए सरकार ने ट्रेन और बस तो चलाई हैं, लेकिन फिर भी कई मजदूर ऐसे हैं, जिन्हें इस सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है. ऐसे हालात में इन मजदूरों ने सरकारों से उम्मीद छोड़कर खुद ही अपने बलबूते घर जाने की ठानी है. ऐसा ही एक व्यक्ति है नैनीताल जिले का भगीरथ, जिसने घर पहुंचने के लिए तीन दिन में साइकिल से ही 800 किमी का सफर तय कर लिया.
भगीरथ ने बताया कि वह राजस्थान के भीलवाड़ा में फास्टफूड का ठेला लगाता था. लॉकडाउन में उसका सब काम चौपट हो गया. शुरू में जैसे-तैसे गुजारा चल गया था, लेकिन बाद में खाने के लिए भी पैसे नहीं बचे थे. ऐसे हालात में भगीरथ का भीलवाड़ा में जीवन यापन करना मुश्किल हो गया था. आखिर में थकहार कर भगीरथ ने साइकिल से ही घर जाने की ठानी.
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भगीरथ के मुताबिक वो दो दिन पहले साइकिल से भीलवाड़ा से अपने गांव बेतालघाट के लिए निकला था. बेतालघाट उत्तराखंड के नैनीताल जिले में पड़ता है. इस 800 किमी के सफर में उसे कई जगह पुलिस ने भी रोका, लेकिन उसकी हर जगह एक ही विनती थी कि साहब मरेंगे-जियेंगे पर अपने घर जाना चाहते हैं. ये कह कह कर भगीरथ आज तीसरे दिन अपने गृह जनपद नैनीताल के रामनगर पहुंचा है. यहां से भगीरथ को अभी घर पहुंचने के लिए 60 किमी का और सफर करना है. रामनगर पहुंचने के बाद भगीरथ की उम्मीद और बढ़ गई है.