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अब फरवरी में होगी मगरमच्छ, घड़ियाल और ऊदबिलाव की गणना

15 जनवरी से प्रस्तावित मगरमच्छों और घड़ियालों की गणना अब फरवरी में ड्रोन से होगी. इसके लिए वन विभाग तैयारियों में जुटा है. कुमाऊं के वन संरक्षण पराग मधुकर घकाते ने बताया कि मगरमच्छों और घड़ियालों के साथ ऊदबिलाव की भी गणना की जाएगी.

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Published : Jan 19, 2020, 2:37 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड में ड्रोन के माध्यम से घड़ियाल और मगरमच्छ कि जनवरी में प्रस्तावित गणना अब फरवरी में की जाएगी. इसके लिए वन विभाग ने सभी तैयारियां कर रहा है. बता दें, इन जलीय जीवों का गणना पहले 15 जनवरी से होनी थी. जलीय जीवों की गणना में कोई चूक न हो इसके लिए वन विभाग भारतीय वन्य जीव संस्थान के विशेषज्ञों के साथ मंथन करेगा, जिसके बाद 30 जनवरी से गणना का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. मुख्य वन जीव प्रतिपालक ने सभी वन प्रभागों, नेशनल पार्कों और सेंचुरियों को तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गये है.

साल 2008 की गणना के अनुसार प्रदेश में 123 मगरमच्छ जबकि, 231 घड़ियाल हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अब ड्रोन के माध्यम से प्रदेश के सभी नदियों और नालों में रहने वाले घड़ियाल और मगरमच्छ की गणना ड्रोन से की जाएगी, जिससे इनकी संख्या में इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है.

अब फरवरी में होगी गणना.

वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते ने बताया कि वन्यजीव विविधता वाले उत्तराखंड में मगरमच्छ और घड़ियालों की संख्या भी अच्छी खासी है. ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब प्रदेश में मगरमच्छों और घड़ियालों की गणना ड्रोन कैमरे के माध्यम से की जाएगी. उन्होंने बताया कि प्रदेश के 6300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के नदियों में मगरमच्छ और घड़ियाल हैं. पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस बार गणना की जानी है.

पढ़ें- देहरादून: अवैध हुक्का बार में खाद्य विभाग की छापेमारी, संचालकों में मचा हड़कंप

उन्होंने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और राजाजी नेशनल पार्क में घड़ियाल और मगरमच्छ की संख्या पहले से ही दर्ज है. ऐसे में प्रदेश के अब शारदा नदी, गौला नदी, नंधौर और रामगंगा नदी सहित कई नदियों में रहने वाले मगरमच्छ और घर वालों की ड्रोन कैमरे के माध्यम से उनके वास स्थलों और संख्या की गणना की जाएगी. अब मगरमच्छ-घड़ियाल के साथ ऊदबिलाव का भी गणना की जाएगी. साल 2008 के गणना के अनुसार प्रदेश में 190 ऊदबिलाव भी हैं.

हल्द्वानी: उत्तराखंड में ड्रोन के माध्यम से घड़ियाल और मगरमच्छ कि जनवरी में प्रस्तावित गणना अब फरवरी में की जाएगी. इसके लिए वन विभाग ने सभी तैयारियां कर रहा है. बता दें, इन जलीय जीवों का गणना पहले 15 जनवरी से होनी थी. जलीय जीवों की गणना में कोई चूक न हो इसके लिए वन विभाग भारतीय वन्य जीव संस्थान के विशेषज्ञों के साथ मंथन करेगा, जिसके बाद 30 जनवरी से गणना का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. मुख्य वन जीव प्रतिपालक ने सभी वन प्रभागों, नेशनल पार्कों और सेंचुरियों को तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गये है.

साल 2008 की गणना के अनुसार प्रदेश में 123 मगरमच्छ जबकि, 231 घड़ियाल हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अब ड्रोन के माध्यम से प्रदेश के सभी नदियों और नालों में रहने वाले घड़ियाल और मगरमच्छ की गणना ड्रोन से की जाएगी, जिससे इनकी संख्या में इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है.

अब फरवरी में होगी गणना.

वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते ने बताया कि वन्यजीव विविधता वाले उत्तराखंड में मगरमच्छ और घड़ियालों की संख्या भी अच्छी खासी है. ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब प्रदेश में मगरमच्छों और घड़ियालों की गणना ड्रोन कैमरे के माध्यम से की जाएगी. उन्होंने बताया कि प्रदेश के 6300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के नदियों में मगरमच्छ और घड़ियाल हैं. पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस बार गणना की जानी है.

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उन्होंने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और राजाजी नेशनल पार्क में घड़ियाल और मगरमच्छ की संख्या पहले से ही दर्ज है. ऐसे में प्रदेश के अब शारदा नदी, गौला नदी, नंधौर और रामगंगा नदी सहित कई नदियों में रहने वाले मगरमच्छ और घर वालों की ड्रोन कैमरे के माध्यम से उनके वास स्थलों और संख्या की गणना की जाएगी. अब मगरमच्छ-घड़ियाल के साथ ऊदबिलाव का भी गणना की जाएगी. साल 2008 के गणना के अनुसार प्रदेश में 190 ऊदबिलाव भी हैं.

Intro:sammry- ड्रोन से होने वाली प्रदेश के घड़ियाल और मगरमच्छ की गणना अब होगी अगले माह में। (खबर मेल से)


एंकर- उत्तराखंड में ड्रोन के माध्यम से घड़ियाल और मगरमच्छ कि जनवरी में प्रस्तावित गणना अब अगले माह में की जाएगी। इसके लिए वन विभाग ने सभी तैयारियां कर रहा है। हालांकि इन जलीय जीवो का गणना पहले 15 जनवरी से होनी थी
जलीय जीवो की गणना में कोई चूक ना हो इसके लिए भारतीय वन जीव संस्थान (wuii) के विशेषज्ञों के साथ मंथन करेगा जिसके बाद 30 जनवरी से गणना का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा .। मुख्य वन जीव प्रतिपालक ने सभी वन प्रभावों, नेशनल पार्को और सेंचुरीयो को तैयारियां सुनिश्चित करने का निर्देश किया है।




Body:2008 की गणना के अनुसार प्रदेश में 123 मगरमच्छ जबकि 231 घड़ियाल है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अब ड्रोन के माध्यम से प्रदेश के सभी नदियों और नालो में रहने वाले घड़ियाल और मगरमच्छ की गणना ड्रोन से की जाएगी जिससे इनकी संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

वन संरक्षक पराग मधुकर घकाते ने बताया कि वन्यजीव विविधता वाले उत्तराखंड में मगरमच्छ और घड़ियालो की संख्या भी अच्छी खासी है ।ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब प्रदेश में मगरमच्छों और घड़ियालो की गणना ड्रोन कैमरे के माध्यम से की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 6300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के नदियों में मगरमच्छ और घड़ियाल है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस बार गणना की जानी है।
उन्होंने बताया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व और राजाजी नेशनल पार्क में घड़ियाल और मगरमच्छ की संख्या पहले से ही दर्ज है । ऐसे में प्रदेश के अब शारदा नदी ,गौला नदी ,नंधौर और रामगंगा नदी सहित कई नदियों में रहने वाले मगरमच्छ और घर वालों की ड्रोन कैमरे के माध्यम से उनके वास स्थलों और संख्या की गणना की जाएगी.।

बाइट -पराग मधुकर घकाते वन संरक्षक कुमाऊं


Conclusion:यही नहीं अब इस गणना के अंतर्गत मगरमच्छ घड़ियाल के साथ-साथ ऊदबिलाव का भी गणना की जाएगी। बताया जा रहा है कि 2008 के गणना के अनुसार प्रदेश में घड़ियाल और मगरमच्छ के साथ-साथ 190 ऊदबिलाव भी शामिल है।
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