नैनीताल: हाईकोर्ट को गौलापार हल्द्वानी में शिफ्ट करने को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में देहरादून में 27 सितंबर को हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं के एक वर्ग में भारी आक्रोश फैल गया है. इन अधिवक्ताओं की गुरुवार को बार सभागार में बैठक हुई. सरकार की इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना करते हुए 12 अक्टूबर को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की आम बैठक बुलाने पर सहमति जताई गई.
पूर्व सांसद व हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर महेंद्र पाल ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि हाईकोर्ट शिफ्ट करने का शिगूफा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि यह जनांदोलन की भावना के खिलाफ है. एक तरफ सरकार स्थायी राजधानी के मुद्दे को हल नहीं कर पा रही है, वहीं दूसरी ओर स्थायी हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की कार्रवाई अमल में लाई जा रही है. जबकि नैनीताल हाईकोर्ट में भारी भरकम निर्माण कार्य लगातार जारी हैं.
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एम सी पंत, सैयद नदीम मून, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव विकास बहुगुणा समेत अन्य अधिवक्ताओं ने आक्रोश भरे स्वर में हाईकोर्ट शिफ्ट करने की चर्चाओं की आलोचना की. कई अधिवक्ताओं ने कहा कि शासन द्वारा इस तरह की कार्रवाई से पूर्व हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की भी राय ली जानी चाहिए थी. इस मामले में बार एसोसिएशन को विश्वास में नहीं लिया जा रहा. कुछ अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से इस मसले पर अपना स्पष्ट मत देने की मांग की. बताया गया कि बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभाकर जोशी कोर्ट में होने के कारण बैठक में मौजूद नहीं हो सके थे. बार एसोसिएशन के महासचिव ने 12 अक्टूबर को अधिवक्ताओं की आम बैठक बुलाने की जानकारी दी.
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दूसरी ओर अधिवक्ताओं का एक पक्ष नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्ट करने की शुरुआती कार्रवाई शासन स्तर पर होने से खुश है. इस प्रकार नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्ट करने व न करने को लेकर हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं में दो गुट बन गए हैं.