हल्द्वानी: पीएम नरेंद्र मोदी ने 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट पर वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ाया. वहीं पूरे देश के लोग वैज्ञानिकों के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. वहीं वहीं इस मामले में पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बची सिंह रावत का कहना है कि भारतीय वैज्ञानिकों ने पूरी क्षमता से 'चंद्रयान-2' मिशन के लिए कार्य किया. उन्होंने कहा कि पूरा देश भारतीय वैज्ञानिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है.
पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बची सिंह रावत ने कहा कि अदृश्य कारणों के चलते चंद्रमा में 2.1 किलोमीटर पहले 'चंद्रयान-2' ने सिग्नल देना बंद कर दिया. अब उसके पीछे क्या कारण है इस को खोजने में वैज्ञानिक जुटे हैं. लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों का यह प्रयास बेहद सराहनीय है और पूरा देश भारतीय वैज्ञानिकों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है.उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक प्रयासरत है और जल्द सफलता हासिल कर लेंगे.
पढ़े-चंद्रयान-2 : लैंडर विक्रम से संपर्क टूटा
बता दें, 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया. संपर्क जब टूटा, तब लैंडर चांद की सतह से सिर्फ 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. लैंडर से संपर्क टूट जाने के कारण 'सॉफ्ट लैंडिंग' के बारे में कोई सूचना नहीं मिल पाई.