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चंद्रयान-2 मिशन पर बची सिंह रावत बोले- वैज्ञानिकों ने पूरी क्षमता से किया कार्य, बेहद सराहनीय प्रयास

पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बची सिंह रावत ने कहा कि अदृश्य कारणों के चलते चंद्रमा में 2.1 किलोमीटर पहले 'चंद्रयान-2' ने सिग्नल देना बंद कर दिया. अब उसके पीछे क्या कारण है इस को खोजने में वैज्ञानिक जुटे हैं.

बची सिंह रावत.
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Published : Sep 7, 2019, 3:17 PM IST

हल्द्वानी: पीएम नरेंद्र मोदी ने 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट पर वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ाया. वहीं पूरे देश के लोग वैज्ञानिकों के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. वहीं वहीं इस मामले में पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बची सिंह रावत का कहना है कि भारतीय वैज्ञानिकों ने पूरी क्षमता से 'चंद्रयान-2' मिशन के लिए कार्य किया. उन्होंने कहा कि पूरा देश भारतीय वैज्ञानिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है.

चंद्रयान-2 मिशन पर अपनी राय रखते बची सिंह रावत.

पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बची सिंह रावत ने कहा कि अदृश्य कारणों के चलते चंद्रमा में 2.1 किलोमीटर पहले 'चंद्रयान-2' ने सिग्नल देना बंद कर दिया. अब उसके पीछे क्या कारण है इस को खोजने में वैज्ञानिक जुटे हैं. लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों का यह प्रयास बेहद सराहनीय है और पूरा देश भारतीय वैज्ञानिकों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है.उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक प्रयासरत है और जल्द सफलता हासिल कर लेंगे.

पढ़े-चंद्रयान-2 : लैंडर विक्रम से संपर्क टूटा

बता दें, 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया. संपर्क जब टूटा, तब लैंडर चांद की सतह से सिर्फ 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. लैंडर से संपर्क टूट जाने के कारण 'सॉफ्ट लैंडिंग' के बारे में कोई सूचना नहीं मिल पाई.

हल्द्वानी: पीएम नरेंद्र मोदी ने 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट पर वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ाया. वहीं पूरे देश के लोग वैज्ञानिकों के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. वहीं वहीं इस मामले में पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बची सिंह रावत का कहना है कि भारतीय वैज्ञानिकों ने पूरी क्षमता से 'चंद्रयान-2' मिशन के लिए कार्य किया. उन्होंने कहा कि पूरा देश भारतीय वैज्ञानिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है.

चंद्रयान-2 मिशन पर अपनी राय रखते बची सिंह रावत.

पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बची सिंह रावत ने कहा कि अदृश्य कारणों के चलते चंद्रमा में 2.1 किलोमीटर पहले 'चंद्रयान-2' ने सिग्नल देना बंद कर दिया. अब उसके पीछे क्या कारण है इस को खोजने में वैज्ञानिक जुटे हैं. लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों का यह प्रयास बेहद सराहनीय है और पूरा देश भारतीय वैज्ञानिकों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है.उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक प्रयासरत है और जल्द सफलता हासिल कर लेंगे.

पढ़े-चंद्रयान-2 : लैंडर विक्रम से संपर्क टूटा

बता दें, 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया. संपर्क जब टूटा, तब लैंडर चांद की सतह से सिर्फ 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. लैंडर से संपर्क टूट जाने के कारण 'सॉफ्ट लैंडिंग' के बारे में कोई सूचना नहीं मिल पाई.

Intro:sammry- chandrayaan-2 पर बोले पूर्व केंद्रीय रक्षा विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री। एंकर-chandrayaan-2 के संपर्क टूट जाने के बाद पूरा देश जहां वैज्ञानिकों के साथ खड़ा दिख रहा है तो वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसरो प्रमुख के साथ भावनात्मक रूप से खड़े दिखाई दिए । पूरे देश में भी लोग भारतीय वैज्ञानिकों की प्रशंसा करते हुए उनके प्रयासों और संकल्प के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े दिखाई दे रहे हैं क्योंकि chandrayaan-2 से अभी संपर्क टूटा है जबकि संकल्प अभी बाकी है।


Body: वहीं इस मामले में पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बच्ची सिंह रावत का कहना है कि भारतीय वैज्ञानिकों ने पूरी क्षमता से chandrayaan-2 मिशन के लिए कार्य किया अदृश्य कारणों के चलते चंद्रमा में 2.1 किलोमीटर पहले chandrayaan-2 ने सिग्नल देना बंद किया है अब उसके पीछे क्या कारण है इस को खोजने में वैज्ञानिक जुटे हैं ।लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों का यह प्रयास बेहद सराहनीय है और पूरा देश भारतीय वैज्ञानिकों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है।


Conclusion:उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक प्रयासरत है और जल्द सफलता हासिल कर लेंगे। बाइट- बच्ची सिंह रावत पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री
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