रामनगर: कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत पड़ने वाले ढेला रेंज में 10 दिसंबर 2023 को बाघ ने हाथी के बच्चे पर हमला कर दिया था. घायल हुए हाथी के बच्चे को उपचार के लिए पार्क के कालागढ़ रेंज में स्थित हाथीशाला में लाया गया था. गंभीर रूप से घायल हुए हाथी के बच्चे ने सोमवार को दम तोड़ दिया.
बाघ के हमले में घायल हुआ था हाथी का बच्चा: ढेला रेंज में 10 दिसंबर को पार्क की गश्ती टीम को बाघ के हमले में घायल एक हाथी का बच्चा दिखाई दिया था. हाथी के बच्चे की उम्र 3 महीने थी. इसकी सूचना वनकर्मियों द्वारा तुरंत ही उच्चाधिकारियों को दी गई थी. सूचना पाकर तुरंत ही टीम द्वारा गंभीर रूप से घायल मादा हाथी बच्चे को उपचार हेतु कालागढ रेंज में स्थित हाथीशाला में लाया गया था. पार्क के वरिष्ठ डॉक्टर दुष्यन्त शर्मा, पशु चिकित्साधिकारी और डॉ अमित ध्यानी द्वारा इसका उपचार किया जा रहा था.
बाघ के हमले में घायल हाथी के बच्चे की मौत: डॉक्टरों ने जांच में पाया था कि हाथी के बच्चे के सर पर गम्भीर चोट लगी थी. घाव वाले स्थान पर कीड़े भी पड़ चुके थे. हाथी के बच्चे के आगे के बाएं पैर और पीछे का दाएं पैर में भी गम्भीर चोटें आई थी. पीछे का एक पैर भी टूटा हुआ था. वहीं पार्क के डॉक्टरों की टीम की देख-रेख में इस हाथी के बच्चे का उपचार किया जा रहा था. लेकिन हाथी के बच्चे को बचाया नहीं जा सका. सोमवार को अचानक ज्यादा स्वास्थ्य खराब होने के कारण हाथी के बच्चे की मृत्यु हो गयी.
3 महीने का था हाथी का बच्चा: हाथी के बच्चे की मृत्यु के पश्चात पार्क के विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में निर्धारित नियमानुसार उसके शव का पोस्टमार्टम करवाया गया. साथ ही विसरा और आंतरिक अंगों के सैम्पल को परीक्षण हेतु आईवीआरआई इज्जतनगर बरेली भेजा गया है. वहीं इस दौरान मौके पर पार्क के उपनिदेशक दिगंत नायक, कार्बेट टाइगर रिजर्व, डॉ दुष्यन्त शर्मा और डॉ राजीव कुमार, वरिष्ठ पशुचिकित्साधिकारी, शालिनी जोशी उप प्रभागीय वनाधिकारी, नन्द किशोर रूवाली वन क्षेत्राधिकारी तथा स्थानीय एनजीओ के सदस्य विरेन्द्र अग्रवाल, वाइल्ड लाइफ वेलफेयर फाउंडेशन एवं प्रकाश चन्द्र मठपाल, वन दरोगा आदि उपस्थित रहे.
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गुलदार ने बछड़े को मारा: उधर नैनीताल जिले के भीमताल इलाके में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. दो महिलाओं को पहले ही मार चुके गुलदार ने अब गाय के एक बछड़े को मार डाला है. काकडीघाट मनारस निवासी लीलाधर पाठक ने बताया कि गुलदार ने खेत में घास चुग रहे बछड़े को निवाला बनाया है. ग्रामीण लीलाधर पाठक के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में पिछले काफी दिनों से गुलदार का आतंक है. गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग को कई बार अवगत भी कराया जा चुका है लेकिन वन विभाग गुलदार को नहीं पकड़ पा रहा है.
उन्होंने बताया कि गुलदार ने उनके कुत्ते पर हमला बोला. शोर मचाने पर गुलदार भाग खड़ा हुआ. इसके थोड़ी देर बाद गुलदार ने खेत में घास खा रहे बछड़े को अपना निवाला बना लिया. ग्रामीणों के मुताबिक गुलदार की आवाजाही तेज होने से दहशत बढ़ गई है. नवंबर माह में गुलदार ने सड़का गांव के युवक को मार डाला था. जिसके बाद से बेखौफ गुलदार दिन दोपहर ही इलाके में दिखने लगा है. स्थानीय लोग गुलदार की लगातार बढ़ रही आवाजाही से चिंतित है.