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1 जुलाई से आयुष्मान कार्ड धारकों के डायलिसिस पर संकट, बकाया नहीं मिलने पर कंपनी ने हाथ किए खड़े

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Published : Jun 30, 2022, 3:35 PM IST

हल्द्वानी के सरकारी अस्पताल में इलाज कराने वाले किडनी मरीजों को 1 जुलाई से डायलिसिस के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि आयुष्मान कार्ड के तहत डायलिसिस की सुविधा देने वाली नेफ्रोप्लस कंपनी ने 2020 से भुगतान नहीं मिलने पर 1 जुलाई से डायलिसिस करने से हाथ खड़े कर दिए हैं. नेफ्रोप्लस कंपनी का 4 करोड़ 90 लाख रुपए बकाया है.

Ayushman card holders
253 मरीजों के डायलिसिस पर संकट

हल्द्वानी: सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले 253 किडनी मरीजों को 1 जुलाई से डायलिसिस कराने में मुश्किलों का सामना कर पड़ सकता है. सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में पीपीपी मोड पर चलाए जा रहे डायलिसिस सुविधा देने वाली नेफ्रोप्लस कंपनी का 2020 से भुगतान नहीं हुआ है. ऐसे में कंपनी अब मरीजों को डायलिसिस सुविधा देने से हाथ खड़े करने जा रही है. कंपनी ने अस्पताल के बाहर नोटिस चस्पा भी किया है.

नेफ्रोप्लस कंपनी ने नोटिस में कहा है कि सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड योजना के तहत मरीजों को की जाने वाली डायलिसिस की भुगतान नहीं हो पाया है. ऐसे में कंपनी अब आयुष्मान कार्ड धारकों का डायलिसिस एक जुलाई से नहीं करेगी. वहीं, डायलिसिस बंद हो जाने से 253 गरीब मरीजों को डायलिसिस के लिए परेशानी उठानी पड़ सकती है.

ये भी पढ़ें: सेवाभाव से समाज के लिए मिसाल बनते डॉ. उपाध्याय, मेडिकल फील्ड को पेशा नहीं जिम्मेदारी माना

कंपनी अधिकारियों की मानें तो हल्द्वानी बेस अस्पताल में 2017 से पीपीपी मोड पर मरीजों के लिए डायलिसिस की सुविधा दी जा रही है. मार्च 2020 से आयुष्मान कार्ड योजना के गरीब मरीजों के डायलिसिस का भुगतान का करीब 4 करोड़ 90 लाख रुपए बकाया है. भुगतान के लिए शासन को कई बार पत्र भी लिखा गया है, लेकिन कंपनी को भुगतान नहीं हो पाया है. ऐसे में कंपनी अब 1 जुलाई से आयुष्मान कार्ड योजना के तहत होने वाले डायलिसिस को बंद करने जा रही है.

हल्द्वानी बेस अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (पीएमएस) डॉक्टर सविता ह्यांकी ने बताया कि कंपनी के भुगतान के लिए शासन को अवगत कराया गया है. जल्द भुगतान होने की उम्मीद है. साथ ही कंपनी से भी वार्ता की जा रही है. समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा.

हल्द्वानी: सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले 253 किडनी मरीजों को 1 जुलाई से डायलिसिस कराने में मुश्किलों का सामना कर पड़ सकता है. सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में पीपीपी मोड पर चलाए जा रहे डायलिसिस सुविधा देने वाली नेफ्रोप्लस कंपनी का 2020 से भुगतान नहीं हुआ है. ऐसे में कंपनी अब मरीजों को डायलिसिस सुविधा देने से हाथ खड़े करने जा रही है. कंपनी ने अस्पताल के बाहर नोटिस चस्पा भी किया है.

नेफ्रोप्लस कंपनी ने नोटिस में कहा है कि सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड योजना के तहत मरीजों को की जाने वाली डायलिसिस की भुगतान नहीं हो पाया है. ऐसे में कंपनी अब आयुष्मान कार्ड धारकों का डायलिसिस एक जुलाई से नहीं करेगी. वहीं, डायलिसिस बंद हो जाने से 253 गरीब मरीजों को डायलिसिस के लिए परेशानी उठानी पड़ सकती है.

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कंपनी अधिकारियों की मानें तो हल्द्वानी बेस अस्पताल में 2017 से पीपीपी मोड पर मरीजों के लिए डायलिसिस की सुविधा दी जा रही है. मार्च 2020 से आयुष्मान कार्ड योजना के गरीब मरीजों के डायलिसिस का भुगतान का करीब 4 करोड़ 90 लाख रुपए बकाया है. भुगतान के लिए शासन को कई बार पत्र भी लिखा गया है, लेकिन कंपनी को भुगतान नहीं हो पाया है. ऐसे में कंपनी अब 1 जुलाई से आयुष्मान कार्ड योजना के तहत होने वाले डायलिसिस को बंद करने जा रही है.

हल्द्वानी बेस अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (पीएमएस) डॉक्टर सविता ह्यांकी ने बताया कि कंपनी के भुगतान के लिए शासन को अवगत कराया गया है. जल्द भुगतान होने की उम्मीद है. साथ ही कंपनी से भी वार्ता की जा रही है. समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा.

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