हल्द्वानी: अधिक मास में आने वाली एकादशी को पद्मिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहा जाता है. इस बार श्रावण अधिकमास होने के चलते पद्मिनी एकादशी अत्यधिक पुण्यदायी बन गई है. ज्योतिष के अनुसार 19 वर्ष बाद ऐसा योग बन रहा है, जो काफी फलदायी माना जा रहा है.
पद्मिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक पद्मिनी एकादशी 29 जुलाई दिन शनिवार यानी आज पड़ रही है. वैसे तो साल में कुल 24 एकादशियां होती हैं. लेकिन अधिक मास में एकादशियों की संख्या बढ़ जाती हैं. इस बार अधिक मास होने के कारण कुल 26 एकादशी होंगी. एकादशी तिथि 29 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 10 मिनट तक रहेगी ऐसे में पद्मिनी एकादशी व्रत आज 29 जुलाई को रखा जाएगा. पद्मिनी एकादशी व्रत के मौके पर ब्रह्म और इंद्र योग बन रहा है.
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पद्मिनी एकादशी पर ऐसे करें उपासना: पद्मिनी एकादशी के दिन सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लें. भगवान विष्णु और शिव की उपासना करें.रात में चार पहर की पूजा करें.निर्धनों को अन्न या वस्त्र का दान करें.पद्मिनी एकादशी पर मन में श्रद्धा भाव रख विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-उपासना करें.पद्मिनी एकादशी पर रात के समय पूजा का विशेष महत्व होता है. भगवान विष्णु की प्रतिमा के आगे घी का दीपक जलाएं, भगवद्गीता का पाठ करें.
मनोकामनाएं होंगी पूरी: सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और सभी संकट और पापों से मुक्ति मिलेगी. एकादशी व्रत के दौरान भोजन का त्याग करना चाहिए, यद्यपि फलाहार ले सकते हैं, परन्तु अन्न अथवा नमक ग्रहण करने से व्रत खंडित हो जाता है. ब्रह्मचर्य में रहे और सात्विक जीवनशैली का पालन करना चाहिए.