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रामनगर के आशीष ने बनाई ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन

रामनगर वन परिसर में रहने वाले 12वीं के छात्र आशीष ने कोरोना से बचाव के लिए ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन बनाई है. इसकी लागत 1,200 से 1,500 रुपये है. आशीष ने बताया कि बाजारों में जो मशीन आ रही है वो आठ से दस हजार रुपये की है.

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सैनिटाइजर मशीन
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Published : Jul 23, 2020, 2:03 PM IST

Updated : Jul 23, 2020, 3:22 PM IST

रामनगर: प्रदेश में कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना से बचाव को लेकर शासन-प्रशासन के साथ-साथ अन्य लोग भी अपने स्तर पर कार्य कर रहे हैं. इसी कड़ी में 12वीं के छात्र ने बहुत ही कम लागत में सेंसर से चलने वाली ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन बनाई है.

आशीष ने बनाई ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन.

रामनगर वन परिसर में रहने वाले 12वीं के छात्र आशीष ने कोरोना से बचाव के लिए सैनिटाइजर मशीन बनाई है. इसकी लागत 1,200 से 1,500 रुपये है. आशीष ने बताया कि बाजारों में जो मशीन आ रही है वो आठ से दस हजार रुपये की है. इसे खरीदना सबके लिए संभव नहीं है. इसीलिए उसने यह मशीन बनाई है, जो बहुत कम लागत में तैयार हुई है.

पढ़ें: हरतालिका तीज पर सूनी हैं मेहंदी डिजाइनरों की दुकानें, कोरोना से रोजी का संकट गहराया

आशीष ने बताया कि ये मशीन बिजली से चलती है. इस मशीन में एक सेंसर और छह वाट का एक पंप लगा है. जैसे ही हाथ को मशीन के नोजल पर लेकर जाते हैं वैसे ही सैनिटाइजर हाथों में गिरने लगता है. इस मशीन से संक्रमण फैलने का खतरा नहीं होगा. क्योंकि यह मशीन सेंसर से काम करती है. ऐसे में मशीन को छूने की जरूरत ही नहीं है. आशीष ने कहा कि इस मशीन को बनाने में उसकी दादी ने पूरा सहयोग किया है. अब तक इस मशीन के लिए दस ऑर्डर आ चुके हैं. आशीष के पिता आनंद सिंह रावत रामनगर वन विभाग में तैनात हैं.

रामनगर: प्रदेश में कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना से बचाव को लेकर शासन-प्रशासन के साथ-साथ अन्य लोग भी अपने स्तर पर कार्य कर रहे हैं. इसी कड़ी में 12वीं के छात्र ने बहुत ही कम लागत में सेंसर से चलने वाली ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन बनाई है.

आशीष ने बनाई ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन.

रामनगर वन परिसर में रहने वाले 12वीं के छात्र आशीष ने कोरोना से बचाव के लिए सैनिटाइजर मशीन बनाई है. इसकी लागत 1,200 से 1,500 रुपये है. आशीष ने बताया कि बाजारों में जो मशीन आ रही है वो आठ से दस हजार रुपये की है. इसे खरीदना सबके लिए संभव नहीं है. इसीलिए उसने यह मशीन बनाई है, जो बहुत कम लागत में तैयार हुई है.

पढ़ें: हरतालिका तीज पर सूनी हैं मेहंदी डिजाइनरों की दुकानें, कोरोना से रोजी का संकट गहराया

आशीष ने बताया कि ये मशीन बिजली से चलती है. इस मशीन में एक सेंसर और छह वाट का एक पंप लगा है. जैसे ही हाथ को मशीन के नोजल पर लेकर जाते हैं वैसे ही सैनिटाइजर हाथों में गिरने लगता है. इस मशीन से संक्रमण फैलने का खतरा नहीं होगा. क्योंकि यह मशीन सेंसर से काम करती है. ऐसे में मशीन को छूने की जरूरत ही नहीं है. आशीष ने कहा कि इस मशीन को बनाने में उसकी दादी ने पूरा सहयोग किया है. अब तक इस मशीन के लिए दस ऑर्डर आ चुके हैं. आशीष के पिता आनंद सिंह रावत रामनगर वन विभाग में तैनात हैं.

Last Updated : Jul 23, 2020, 3:22 PM IST
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