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आशा कार्यकर्ताओं का महिला बेस हॉस्पिटल में प्रदर्शन, अल्ट्रासाउंड के लिए दो-दो महीने करना पड़ रहा इंतजार - हल्द्वानी ताजा समाचार टुडे

हल्द्वानी के महिला बेस अस्पताल में व्यवस्थाएं पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है. अल्ट्रासाउंड के लिए गर्भवती महिलाओं को दो-दो महीने इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं हॉस्पिटल प्रबंधन का आरोप है कि आशा कार्यकर्ता कमिशन के चक्कर में गर्भवती महिलाओं को प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर जा रही हैं.

Haldwani
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Published : Jun 27, 2022, 5:09 PM IST

हल्द्वानी: महिला बेस अस्पताल में आशा कार्यकर्ताओं ने हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं. आशाओं ने कहा कि अस्पताल की अल्ट्रासाउंड व्यवस्था खराब है. गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए दो-दो महीने तक नंबर का इंतजार करना पड़ रहा है. ऐसे में महिलाएं मजबूरी में अन्य हॉस्पिटलों में अपना टेस्ट करा रही हैं. वहीं हॉस्पिटल प्रबंधन आशा कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा रहा है कि वो गर्भवती महिलाओं को निजी हॉस्पिटल में लेकर जा रही हैं.

बता दें कि पिछले दिनों यह खबर सुर्खियों आई थी कि कमीशन के कारण आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड एवं अन्य टेस्ट प्राइवेट हॉस्पिटलों में करा रही है. जिस पर आशा कार्यकर्ताओं ने आज विरोध किया. आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन खुद व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं कर पा रहा है और आरोप आशा कार्यकर्ताओं पर लगा रहा है.
पढ़ें- देहरादून के न्यू कैंट रोड पर धरना प्रदर्शन पर HC ने लगाई रोक, अब यहां होंगे आंदोलन

महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी उषा जंगपांगी का कहना है कि व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है. अब गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड अस्पताल में ही कराया जा रहा है, उन्हें बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है.

हल्द्वानी: महिला बेस अस्पताल में आशा कार्यकर्ताओं ने हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं. आशाओं ने कहा कि अस्पताल की अल्ट्रासाउंड व्यवस्था खराब है. गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए दो-दो महीने तक नंबर का इंतजार करना पड़ रहा है. ऐसे में महिलाएं मजबूरी में अन्य हॉस्पिटलों में अपना टेस्ट करा रही हैं. वहीं हॉस्पिटल प्रबंधन आशा कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा रहा है कि वो गर्भवती महिलाओं को निजी हॉस्पिटल में लेकर जा रही हैं.

बता दें कि पिछले दिनों यह खबर सुर्खियों आई थी कि कमीशन के कारण आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड एवं अन्य टेस्ट प्राइवेट हॉस्पिटलों में करा रही है. जिस पर आशा कार्यकर्ताओं ने आज विरोध किया. आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन खुद व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं कर पा रहा है और आरोप आशा कार्यकर्ताओं पर लगा रहा है.
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महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी उषा जंगपांगी का कहना है कि व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है. अब गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड अस्पताल में ही कराया जा रहा है, उन्हें बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है.

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