हल्द्वानी: कोरोना वायरस की आशंका को लेकर स्वास्थ्य महकमा जहां गंभीर है, वहीं बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल को लेकर काफी सतर्कता बरती जा रही है. कोविड-19 के मरीजों से निकलने वाला कचरा काफी खतरनाक माना जा रहा है. ऐसे में हल्द्वानी के सुशीला तिवारी कोरोना स्पेशलिस्ट अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट का डिस्पोजल प्रदूषण कंट्रोल नियंत्रण बोर्ड के गाइडलाइन के अनुसार किया जा रहा है.
सुशीला तिवारी अस्पताल के प्राचार्य चंद्रप्रकाश भैसोड़ा के मुताबिक कोरोना संक्रमित मरीजों और आइसोलेशन वॉर्ड से मेडिकल वेस्ट को इकट्ठा करने के लिए डबल लेयर वाले बैग का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके साथ ही इन मेडिकल वेस्ट को एक किनारे रखा जा रहा है, ताकि कोई व्यक्ति इनके संपर्क में ना आ सके.
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प्रदूषण कंट्रोल नियंत्रण बोर्ड के गाइडलाइन के अनुसार सुशीला तिवारी अस्पताल स्थित सेंट्रल बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में मेडिकल वेस्ट का रोजाना निस्तारण किया जा रहा है. बायोमेडिकल वेस्ट में निकलने वाली पीपीई किट, मास्क, ग्लब्स, इंजेक्शन जैसे चीजों का रोजाना निस्तारण किया जा रहा है.
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य चंद्रप्रकाश भैसोड़ा के मुताबिक कोरोना संक्रमण मरीजों का टेस्ट राजकीय मेडिकल कॉलेज स्थित वायरस रिसर्च और डायग्नोस्टिक लैब में हुआ था. जहां कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई थी. हल्द्वानी स्थित लैब में अभी तक 1818 सैंपल की जांच की गई है. जिसमें अभी तक 39 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.