हल्द्वानी: आपने अपने आसपास अर्जुन का पेड़ तो देखा ही होगा, लेकिन क्या आप इसके गुणकारी फायदे को जानते हैं. बहुत की कम लोग इस पेड़ के औषधीय गुणों के बारे में जानते होंगे.आयुर्वेद में अर्जुन का पेड़ का बड़ा महत्व है, अर्जुन की छाल कई औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. जिसमें हृदय रोग के साथ-साथ कई तरह की बीमारियां दूर करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है.
अर्जुन का पेड़ भारत के अधिकतर क्षेत्रों में पाया जाता है. वैज्ञानिक नाम इसका Terminalia arjuna है, यह एक प्रमुख वृक्ष है. यह एक मध्यम आकार का सघन और हरा-भूरा पेड़ होता है, जो आम तौर पर 20 से 25 मीटर ऊंचा होता है. लेकिन कई बार इससे भी ऊंचे पेड़ पाए जाते हैं. इसकी पत्तियां पट्टीदार, लगभग 6 से 12 सेमी लंबी सफेद और गाढ़े हरे रंग की होती हैं. पेड़ पर फल जनवरी और मार्च के बीच आता है. इसकी जड़, तना, छाल और पत्ते इत्यादि आयुर्वेदिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं. इसका इस्तेमाल अनेकों प्रकार के रोगों के उपचार करने के लिए किया जाता है. उत्तराखंड अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी अर्जुन के पेड़ को संरक्षित कर इस पेड़ के बारे में लोगों को जानकारी दे रहा है. जिससे लोग अर्जुन के पेड़ को अधिक से अधिक लगाकर इसका औषधीय लाभ ले सके.
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वन अनुसंधान केंद्र के प्रभारी मदन सिंह बिष्ट के मुताबिक अर्जुन का पेड़ कई औषधीय गुणों से भरपूर है. जहां मुख्य रूप इसके छाल का सेवन किया जाता है. अर्जुन के छाल में विशेष रूप से फ्लावोनोइड्स,फाइटोस्टेरॉल, फेनोलिक एसिड, अल्कालाइड और टैनिन होते हैं. इन तत्वों की लड़ने की शक्ति का उपयोग करते हुए, यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और कार्डियो प्रोटेक्टिव आयुर्वेदिक दवा के रूप में उपयोगी होता है. हृदय को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो इसके लिए आप अर्जुन की छाल के द्वारा बनाई गई काढ़ा को नियमित रूप से सेवन करें.
अर्जुन की छाल खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है. इसके अलावा अर्जुन की छाल का नियमित काढ़ा पीने से श्वसन और त्वचा संबंधी बीमारियों को ठीक करने का रामबाण इलाज है. अर्जुन के छाल को निकाल कर आप उसको सुखाकर चूर्ण बना सकते हैं .एक गिलास पानी में एक चम्मच अर्जुन की छाल का चूर्ण डालें और अच्छी तरह से उबाल लें और फिर छानकर पी लें. आप अर्जुन के छाल के काढ़े को शाम के समय पी सकते हैं. कुछ दिनों तक रोजाना अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से आपको काफी लाभ देखने को मिलेंगे.
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अधिक मात्रा में अर्जुन की छाल के कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कब्ज, पेट फूलना और पेट की परेशानी साथ ही एलर्जी का कारण भी बन सकता है. अर्जुन की छाल हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है. विशेष रूप से गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं या छोटे बच्चों ना दें. अगर आपको किसी तरह की कोई परेशानी है तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही अर्जुन की छाल का सेवन करें.