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असिस्टेंट प्रोफेसरों के 873 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ, HC ने हटाई रोक

नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश के 873 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति पर लगी रोक को हटा दिया है. हाईकोर्काट के इस फैसले को अभ्यर्थियों के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है.

Appointment of 873 Assistant Professors.
नैनीताल हाईकोर्ट.
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Published : Jan 10, 2020, 1:26 PM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट ने प्रदेश में 873 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया है. होईकोर्ट के इस फैसले को प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है. हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 877 में से 873 पदों की चयन प्रक्रिया पर लगी रोक को हटा दिया है.

असिस्टेंट प्रोफेसरों के 873 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ.

गौर हो कि नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए 873 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति का रास्ता साफ कर युवाओं को एक बड़ी राहत दी है. हालांकि, ड्रॉइंग एंड पेंटिंग के 4 पदों पर अभी भी रोक बरकरार है.

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राज्य लोक सेवा आयोग ने 2017-18 में उच्च शिक्षा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 877 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की थी. देहरादून निवासी मधु बहुगुणा समेत अन्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती दी थी. जिसके बाद से इन पदों पर भर्ती पर रोक लगी थी.

वहीं, सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता चयन प्रक्रिया में भाग लेने में असमर्थ हैं. जिसके चलते याचिकाकर्ता को याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है.

नैनीताल: हाईकोर्ट ने प्रदेश में 873 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया है. होईकोर्ट के इस फैसले को प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है. हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 877 में से 873 पदों की चयन प्रक्रिया पर लगी रोक को हटा दिया है.

असिस्टेंट प्रोफेसरों के 873 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ.

गौर हो कि नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए 873 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति का रास्ता साफ कर युवाओं को एक बड़ी राहत दी है. हालांकि, ड्रॉइंग एंड पेंटिंग के 4 पदों पर अभी भी रोक बरकरार है.

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राज्य लोक सेवा आयोग ने 2017-18 में उच्च शिक्षा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 877 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की थी. देहरादून निवासी मधु बहुगुणा समेत अन्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती दी थी. जिसके बाद से इन पदों पर भर्ती पर रोक लगी थी.

वहीं, सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता चयन प्रक्रिया में भाग लेने में असमर्थ हैं. जिसके चलते याचिकाकर्ता को याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है.

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नैनीताल हाईकोर्ट से प्रदेश के 873 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति का रास्ता साफ, अभ्यर्थियों को मिली बड़ी राहत।

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उत्तराखंड में 873 असिस्टेंट प्रोफेसर की पदों की नियुक्ति के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट से प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को बड़ी राहत मिली है, नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने उत्तराखंड में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 877 में से 873 पदों की चयन प्रक्रिया पर लगी रोक को हटा दिया है, कोर्ट के इस फैसले के बाद अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी कर प्रदेश के विभिन्न डिग्री कॉलेजों में नियुक्ति दी जाएगी, मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश की खंडपीठ ने ड्रॉइंग एंड पेंटिंग के 4 पदों पर रोक लगाते हुए बाकी सभी पदों पर नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं।


Body:आपको बता दें कि राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा 2017-18 में उच्च शिक्षा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 877 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की थी,जिसे देहरादून निवासी मधु बहुगुणा समेत अन्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति प्रक्रिया चुनौती दी और कहा कि चयन प्रक्रिया यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार नहीं किया गया है जबकि राज्य सरकार द्वारा यूजीसी रेगुलेशन 2016 भी लागू कर दिया गया है, और चयन प्रक्रिया में यूजीसी रेगुलेशन को अनदेखा करना असंवैधानिक है लिहाजा इस चयन प्रक्रिया को निरस्त किया जाए,,,


Conclusion:आज मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश खंडपीठ ने 877 पदों पर लगी रोक को हटा लिया है जिससे राज्य के बेरोजगार युवाओं और राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है वहीं सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता चयन प्रक्रिया में भाग लेने में असमर्थ है लिहाजा याचिकाकर्ता को याचिका दायर करने का कोई अधिकार ही नहीं है।
मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ है आयोग द्वारा 877 पदों में से 873 पदों को भरने के निर्देश दिए हैं जबकि चार पदों पर लगी रिक अभी भी रोक कायम है।
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