ETV Bharat / state

122 साल का हुआ नैनीताल राजभवन, धूमधाम से मनाई गई सालगिरह

नैनीताल स्थित राजभवन का इतिहास बड़ा रोचक है. जब देश की राजधानी दिल्ली के लिए ग्रीष्मकालील राजधानी के रूप में हिमाचल प्रदेश के शिमला को चुना गया तो वहीं, आगरा और अवध के लिए नैनीताल को चुना गया.

धूमधाम से मनाया गया नैनीताल राजभवन की सालगिरह.
author img

By

Published : Apr 28, 2019, 1:34 PM IST

Updated : Apr 28, 2019, 2:17 PM IST

नैनीताल: सरोवर नगरी स्थित ऐतिहासिक राजभवन की वर्षगांठ को केक काटकर धूमधाम से मनाया गया. नैनीताल स्थित राजभवन ने शनिवार को 122 वर्ष में प्रवेश कर लिया है. तल्लीताल फांसी गधेरा स्थित सेंट जोजफ कॉलेज बोट स्टैंड में कार्यक्रम आयोजित किया गया. साथ ही इस मौके पर गणमान्य लोगों की उपस्थिति में छात्रों को राजभवन के गौरवशाली इतिहास से रूबरू कराया गया.

122 साल का हुआ नैनीताल राजभवन.

गौर हो कि नैनीताल स्थित राजभवन का इतिहास बड़ा रोचक है. जब देश की राजधानी दिल्ली के लिए ग्रीष्मकालील राजधानी के रूप में हिमाचल प्रदेश के शिमला को चुना गया तो वहीं, आगरा और अवध के लिए नैनीताल को चुना गया. नैनीताल में 1862 में सर्वप्रथम नोर्थ वेस्ट प्रोविन्स के ले. गवर्नर का प्रवास नैनीताल नगर में शुरू हुआ. 1862 में प्रथम राजभवन रैमजे हॉस्पिटल परिसर बनाया गया. 1865 में मालडन हाउस में स्थानांतरित हुआ. सेंट लू गार्ज में बने पुराने राजभवन के अवशेष आज भी मौजूद है.

ऐतिहासिक धरोहर में शुमार राजभवन को गौथिक शैली में निर्मित बेजोड़ इमारत है. जिसे अंग्रेजी के ई आकार में बनाया और इसकी नींव 27 अप्रैल 1897 को रखी थी. नैनीताल राजभवन 220 एकड़ में फैला हुआ है, जो लंदन के बकिंघम पैलेस का दूसरा रूप है. राजभवन के स्थापना दिवस कार्यक्रम में पहुंचे एनसीसी कैडेट्स को नैनीताल और राजभवन के इतिहास की जानकारी दी गई. साथ ही इस मौके पर उन्हें इस ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण की शपथ दिलाई गई. जिसके बाद छात्र-छात्राओं ने नैनी झील की साफ-सफाई की.

बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे इतिहासकार डॉक्टर अजय सिंह रावत ने कहा छात्रों को अपने राज्य और देश के इतिहास के बारे में जानकारी होनी चाहिए. क्योंकि जब तक हम अपनी जड़ों को नहीं जानेंगे तब तक हम अपने आप को नहीं पहचान सकते हैं. इसलिए जरूरी है की हमें अपने छात्र जीवन में कम से कम 3 दिन अपने शहर के इतिहास के बारे में पढ़ें. हमें अगर अपने इतिहास की जानकारी होगी तो हम अपनी ऐसी ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित कर सकते हैं.

नैनीताल: सरोवर नगरी स्थित ऐतिहासिक राजभवन की वर्षगांठ को केक काटकर धूमधाम से मनाया गया. नैनीताल स्थित राजभवन ने शनिवार को 122 वर्ष में प्रवेश कर लिया है. तल्लीताल फांसी गधेरा स्थित सेंट जोजफ कॉलेज बोट स्टैंड में कार्यक्रम आयोजित किया गया. साथ ही इस मौके पर गणमान्य लोगों की उपस्थिति में छात्रों को राजभवन के गौरवशाली इतिहास से रूबरू कराया गया.

122 साल का हुआ नैनीताल राजभवन.

गौर हो कि नैनीताल स्थित राजभवन का इतिहास बड़ा रोचक है. जब देश की राजधानी दिल्ली के लिए ग्रीष्मकालील राजधानी के रूप में हिमाचल प्रदेश के शिमला को चुना गया तो वहीं, आगरा और अवध के लिए नैनीताल को चुना गया. नैनीताल में 1862 में सर्वप्रथम नोर्थ वेस्ट प्रोविन्स के ले. गवर्नर का प्रवास नैनीताल नगर में शुरू हुआ. 1862 में प्रथम राजभवन रैमजे हॉस्पिटल परिसर बनाया गया. 1865 में मालडन हाउस में स्थानांतरित हुआ. सेंट लू गार्ज में बने पुराने राजभवन के अवशेष आज भी मौजूद है.

ऐतिहासिक धरोहर में शुमार राजभवन को गौथिक शैली में निर्मित बेजोड़ इमारत है. जिसे अंग्रेजी के ई आकार में बनाया और इसकी नींव 27 अप्रैल 1897 को रखी थी. नैनीताल राजभवन 220 एकड़ में फैला हुआ है, जो लंदन के बकिंघम पैलेस का दूसरा रूप है. राजभवन के स्थापना दिवस कार्यक्रम में पहुंचे एनसीसी कैडेट्स को नैनीताल और राजभवन के इतिहास की जानकारी दी गई. साथ ही इस मौके पर उन्हें इस ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण की शपथ दिलाई गई. जिसके बाद छात्र-छात्राओं ने नैनी झील की साफ-सफाई की.

बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे इतिहासकार डॉक्टर अजय सिंह रावत ने कहा छात्रों को अपने राज्य और देश के इतिहास के बारे में जानकारी होनी चाहिए. क्योंकि जब तक हम अपनी जड़ों को नहीं जानेंगे तब तक हम अपने आप को नहीं पहचान सकते हैं. इसलिए जरूरी है की हमें अपने छात्र जीवन में कम से कम 3 दिन अपने शहर के इतिहास के बारे में पढ़ें. हमें अगर अपने इतिहास की जानकारी होगी तो हम अपनी ऐसी ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित कर सकते हैं.

स्लग- नैनीताल राजभवन बर्थडे

रिपोर्ट- गौरव जोशी

स्थान- नैनीताल

एंकर- नैनीताल स्थित राज भवन इमारत के 121 वर्ष पूरे होने के अवसर पर तल्लीताल स्थित सेंट जोसफ बोट हाउस क्लब नैनीताल राजभवन का स्थापना दिवस केक काटकर बड़ी धूम धाम के साथ मनाया गया । छात्रों को नैनीताल और राजभवन के गौरवशाली इतिहास से रु-ब-रु कराया गया ।
         
वीओ-नैनीताल राजभवन का इतिहास बड़ा रोचक है जब देश की राजधानी दिल्ली के लिए ग्रीष्मकालील राजधानी के रूप में हिमाचल प्रदेश में शिमला को चुना गया तो आगरा व अवध की ग्रीष्मकालील राजधानी के लिए उत्तराखण्ड के नैनीताल नगर को चुना गया । नैनीताल में 1862 में सर्वप्रथम नोर्थ वेस्ट प्रोविन्स के ले0 गवर्नर का प्रवास नैनीताल नगर में शुरू हुआ । 1862 में प्रथम राजभवन रैमजे हॉस्पिटल परिसर बनाया गया। 1865 में मालडन हाउस में स्थानान्तरित हुआ । सेंट लू गार्ज 1875 वर्तमान स्नोव्यू में आज भी अवशेष मौजूद है । शेरवुड हाउस में वर्तमान बिल्डिंग के समीप वर्तमान राजभवन विश्व धरोहर गौथिक शैली में निर्मित बेजोड़ इमारत अंग्रेजी के ई आकार में बने राजभवन की नींव 27 अप्रैल 1897 को रखी गई । 
आपको बता दें कि 220 एकड़ में फैला है राज भवन लंदन के बकिंघम पैलेस का दूसरा रूप है
 
बाईट डॉक्टर अजय रावत इतिहासकार

वीओ-राज भवन के स्थापना दिवस कार्यक्रम में पहुंचे एनसीसी क्रेडिट को नैनीताल और राजभवन के इतिहास की जानकारी दी गई और ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण की शपथ दिलाई गई जिसके बाद छात्र-छात्राओं ने नैनी झील मैं सफाई अभियान चलाया और झील की सफाई की। बतोर मुख्य अतिथि पहुंचे इतिहासकार डॉक्टर अजय सिंह रावत ने कहा छात्रों को अपने राज्य और देश के इतिहास के बारे में जानकारी  होनी चाहिए क्योंकि जब तक हम अपनी जड़ों को नहीं जानेंगे तब तक हम अपने आप को नहीं पहचान सकते है इसलिए जरूरी है की हमें अपने स्कूल काल में कम से कम 3 दिन अपने शहर के इतिहास के बारे में पढ़ें और एक माह तक अपने राज्य का इतिहास जिसके बाद हम अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित कर सकते हैं

बाईट 2 डॉक्टर अजय रावत इतिहासकार




Last Updated : Apr 28, 2019, 2:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.