हल्द्वानीः भीषण गर्मी में जंगली जानवरों को अब अपनी प्यास बुझाने के लिए जंगल से बाहर आबादी वाले इलाकों में नहीं जाना पड़ेगा. वन विभाग पहल करते हुए जंगलों में जल संरक्षण के लिए पक्के और कच्चे तालाबों का निर्माण करा रहा है जिससे गर्मियों में जंगली जानवरों की जंगलों में प्यास बुझ सके और मानव वन्यजीव संघर्ष रोका जा सके.
जंगलों का लगातार हो रहा दोहन और बदलते मौसम चक्र के कारण प्राकृतिक जल स्रोत सूख रहे हैं. जिसमें से अधिकांश जल स्रोत धीरे-धीरे समाप्ति की ओर हैं. इसके चलते पानी की तलाश में वन्यजीव जंगल से निकलकर आबादी वाले इलाकों की तरफ आ जाते हैं. जिससे कुछ समय से इंसान और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष की खबरें भी आती हैं.
तराई पूर्वी वन प्रभाग अब जंगलों में जगह-जगह कच्चे और पक्के तालाबों का निर्माण करा रहा है. जिससे बरसात के दौरान तालाबों में पर्याप्त जल का संरक्षण किया जा सके और गर्मियों में जानवरों के लिए पानी की संकट की समस्या दूर हो.
यही नहीं वन विभाग गर्मियों में इन तालाबों के सूख जाने की स्थिति में ट्यूबल और टैंकरों के माध्यम से पानी भी भर रहा है जिससे जंगली जानवरों को प्यास बुझाने में आसानी हो सके. साथ ही अगर वनों में आगजनी की घटना होती है तो आग बुझाने के दौरान इन तालाबों का सहारा भी लिया जा सकता है
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वहीं प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी का कहना है कि तराई पूर्वी वन प्रभाग के जंगलों में कच्चे और पक्के तालाब निर्माण के लिए बजट उपलब्ध हो गया है और इसका काम भी चल रहा है. तालाब निर्माण हो जाने के बाद बरसात में भारी मात्रा में जल का संरक्षण होगा. साथ ही वाटर लेवल भी ठीक रहेगा.