नैनीताल: पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की 1072 एकड़ भूमि को अधिग्रहित कर उस पर हवाई अड्डा बनाने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है. मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार, उड्डयन मंत्रालय को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
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बता दें कि उधम सिंह नगर निवासी केशव पासी ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कृषि और प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर की भूमि पर नया हवाई अड्डा बनाया जा रहा है. जिसके लिए पंतनगर विश्वविद्यालय की करीब 1072 एकड़ भूमि भी सरकार द्वारा अधिग्रहित कर ली गई है. इस एयरपोर्ट के बनने के बाद से विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं और शोधार्थियों के सामने पठन-पाठन की दिक्कत होगी. साथ ही क्षेत्र में प्रदूषण भी बढ़ेगा. विश्वविद्यालय के एक तरफ एयरपोर्ट बनने जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर सिडकुल है.
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हाईकोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता का कहना है कि पंतनगर विश्वविद्यालय देश में 25% बीजों की जरूरत पूरा करता है. राजस्व परिषद ने अपने एक सर्वे में माना है कि नैनीताल और उधम सिंह नगर में 76 हजार 842 एकड़ भूमि बंजर उपलब्ध है. लिहाजा उपजाऊ भूमि को एयरपोर्ट निर्माण के लिए दिये जाने के बजाय बंजर भूमि को एयरपोर्ट निर्माण में प्रयोग किया जाये.
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याचिकाकर्ता का कहना है कि जिस स्थान पर एयरपोर्ट का निर्माण होना है उसके आसपास करीब दर्जन भर नहर और दलदली भूमि है जो एयरपोर्ट के लिए उपयुक्त नहीं है. मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने राज्य सरकार समेत अन्य पक्षकारों को 2 सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.