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लॉकडाउन से हटा प्रदूषण का 'ग्रहण', ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ी

अगर किसी शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से ऊपर आता है तो वह बच्चों, बुजुर्गो और सांस के रोगियों के लिए अच्छा नहीं होता है. लॉकडाउन के बाद हल्द्वानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 71 पर आ गया है. लॉकडाउन के पहले ये इंडेक्स 105 से ऊपर चल गया था.

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Published : Apr 23, 2020, 10:06 AM IST

Updated : Apr 23, 2020, 11:38 AM IST

हल्द्वानी
हल्द्वानी

हल्द्वानी: कोरोना वायरस को हराने के लिए जारी लॉकडाउन से आबो हवा स्वच्छ हो गई है. यहीं कारण है कि कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 100 से नीचे आ गया है, जो कभी 200 से ऊपर पहुंच गया था. लॉकडाउन का सबसे बड़ा फायदा शहरों के पर्यावरण को हुआ है. इसका एक उदाहरण हल्द्वानी में देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन से पहले हल्द्वानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 105 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया था. लॉकडाउन के बाद ये घटकर 71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर आ गया है.

घातक स्तर पर पहुंच चुकी शहरी आबोहवा वाहन और औद्योगिक गतिविधियां बंद होने से एक बार फिर तरोताजा हो गई है. हल्द्वानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स में करीब पैंतीस फीसदी तक का सुधार हुआ है. आम दिनों में हल्द्वानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100-110 के आसपास आता है. लेकिन चंद दिनों से इसमें उल्लेखनीय सुधार हुआ है. अब ये गिरकर 71 तक पहुंच गया है. यही कारण है कि वायु में ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि हुई है.

लॉकडाउन से हटा प्रदूषण का 'ग्रहण'

पढ़ें- उत्तराखंड बीजेपी के इस नेता को PM मोदी ने किया फोन, पूछा हालचाल

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रक अधिकारी आरके चतुर्वेदी ने बताया कि लॉकडाउन के चलते धरती पर सभी गतिविधियां लगभग बंद हैं. लोग घरों में कैद हैं. ऐसे में वातावरण में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और नाइट्रो डाइऑक्साइड (NO2) की मात्रा में गिरावट देखी गई है.

एयर क्वालिटी के मानक

  • 0 से 50 तक इंडेक्स उच्च क्वालिटी एयर
  • 50 से 100 तक सेकंड क्वालिटी एयर
  • 101से 200 तक मोडेड क्वालिटी एयर
  • 201 से 300 तक पुअर क्वालिटी एयर
  • 300 से 400 तक वेरी पुअर क्वालिटी एयर इंडेक्स माना जाता है.

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी के मुताबिक एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ने का मुख्य कारण वाहनों और औद्योगिक संस्थाओं से निकलने वाला प्रदूषण होता है, जो इस समय लॉकडाउन के चलते बंद है. लॉक डाउन के चलते ध्वनि प्रदूषण पर भी नियंत्रण देखा गया है. नदियों और नालों के पानी की क्वॉलिटी में भी सुधार हुआ है. भूजल स्तर में भी बढ़ोत्तरी हुई है.

हल्द्वानी: कोरोना वायरस को हराने के लिए जारी लॉकडाउन से आबो हवा स्वच्छ हो गई है. यहीं कारण है कि कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 100 से नीचे आ गया है, जो कभी 200 से ऊपर पहुंच गया था. लॉकडाउन का सबसे बड़ा फायदा शहरों के पर्यावरण को हुआ है. इसका एक उदाहरण हल्द्वानी में देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन से पहले हल्द्वानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 105 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया था. लॉकडाउन के बाद ये घटकर 71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर आ गया है.

घातक स्तर पर पहुंच चुकी शहरी आबोहवा वाहन और औद्योगिक गतिविधियां बंद होने से एक बार फिर तरोताजा हो गई है. हल्द्वानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स में करीब पैंतीस फीसदी तक का सुधार हुआ है. आम दिनों में हल्द्वानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100-110 के आसपास आता है. लेकिन चंद दिनों से इसमें उल्लेखनीय सुधार हुआ है. अब ये गिरकर 71 तक पहुंच गया है. यही कारण है कि वायु में ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि हुई है.

लॉकडाउन से हटा प्रदूषण का 'ग्रहण'

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क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रक अधिकारी आरके चतुर्वेदी ने बताया कि लॉकडाउन के चलते धरती पर सभी गतिविधियां लगभग बंद हैं. लोग घरों में कैद हैं. ऐसे में वातावरण में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और नाइट्रो डाइऑक्साइड (NO2) की मात्रा में गिरावट देखी गई है.

एयर क्वालिटी के मानक

  • 0 से 50 तक इंडेक्स उच्च क्वालिटी एयर
  • 50 से 100 तक सेकंड क्वालिटी एयर
  • 101से 200 तक मोडेड क्वालिटी एयर
  • 201 से 300 तक पुअर क्वालिटी एयर
  • 300 से 400 तक वेरी पुअर क्वालिटी एयर इंडेक्स माना जाता है.

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी के मुताबिक एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ने का मुख्य कारण वाहनों और औद्योगिक संस्थाओं से निकलने वाला प्रदूषण होता है, जो इस समय लॉकडाउन के चलते बंद है. लॉक डाउन के चलते ध्वनि प्रदूषण पर भी नियंत्रण देखा गया है. नदियों और नालों के पानी की क्वॉलिटी में भी सुधार हुआ है. भूजल स्तर में भी बढ़ोत्तरी हुई है.

Last Updated : Apr 23, 2020, 11:38 AM IST
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