हल्द्वानी: कोरोना की दूसरी लहर को कमजोर करने के लिए लगाए गए कोविड कर्फ्यू से न सिर्फ कोरोना का ग्राफ नीचे जा रहा है, बल्कि वायु प्रदूषण में भी कमी आई है. कोरोना कर्फ्यू का बेहतर असर पर्यावरण पर देखने को मिल रहा है. इस दौरान वायु प्रदूषण का स्तर काफी कम हुआ है. ये कोरोना कर्फ्यू का ही असर है कि हल्द्वानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 112-113 से घटकर 70 से 75 के बीच आ गया है. वहीं पीएम 2.5 का स्तर 20 से 30 के बीच में है, जो पर्यावरण की सेहत के लिए काफी अच्छा है.
प्रदूषण की मार के कराह रहे हल्द्वानी और आसपास के इलाकों के पर्यावरण को कोरोना कर्फ्यू से सेहत का वरदान मिला है. पर्यावरण की सेहत सुधरने से जहां प्रदेश की आबोहवा अच्छी हुई तो वहीं मई जैसे भीषण गर्मी के महीने में तापमान में काफी गिरवाट दर्ज की गई है.
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ऐसी ही स्थिति पिछले साल लॉकडाउन के दौरान भी देखने को मिली थी. तब शहर की आबोहवा सेहतमंद हो गई थी. लेकिन जैसे ही पिछले साल लॉकडाउन खुला और गाड़ियों ने सड़कों पर दौड़ना शुरू किया, शहर की हवा फिर से प्रदूषित होने लगी. हालांकि इस बार कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए मई में जैसे ही कोरोना कर्फ्यू लगाया गया, उसका असर फिर से दिखने लगा. पर्यावरण की सेहत में सुधार होने लगा. इसकी तस्दीक खुद आंकड़े कर रहे हैं.
अप्रैल महीने में जहां हल्द्वानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 112-113 के आसपास था, वो कोरोना कर्फ्यू लगने के बाद मई में घटकर 70 से 75 के बीच आ गया है. जबकि पीएम 2.5 का स्तर 20 से 30 के बीच में है, जो पर्यावरण की सेहत के लिहाज से सही माना जाता है.
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी आरके चतुर्वेदी ने बताया कि कोविड कर्फ्यू के चलते सड़कों पर वाहनों की आवाजाही का कम होना इसकी मुख्य वजह है. हाल ही में कुमाऊं क्षेत्र में जो बारिश हुई है, उसको भी वो एक प्रमुख कारण मानते हैं. इसका असर आप इस तरह भी समझ सकते हैं. हल्द्वानी और आसपास के इलाकों में जहां इन दिनों तापमान 40 डिग्री के आसपास रहता है. वहीं अब 32 से 35 डिग्री के आसपास है. प्रदूषण के लिपटी रहने वाली पहाड़ियां भी साफ नजर आ रही हैं.