हल्द्वानी: उत्तराखंड में नगर निगम और नगर निकाय का कार्यकाल दो दिसंबर को समाप्त हो रहा है और मामला नैनीताल हाईकोर्ट ने विचाराधीन है. वहीं अब इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने इस मामले में बीजेपी पर निशाना साधा है. दोनों ही पार्टियों के नेताओं के आरोप हैं कि बीजेपी हार की डर से निकाय चुनाव नहीं कराना चाहती है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि प्रदेश की जनता महंगाई और भ्रष्टाचार समेत सरकार के झूठे वादों से परेशान हो चुकी है. इसीलिए जनता अब आगामी चुनाव का इंतजार कर रही है, ताकि वो बीजेपी सरकार को सबक सिखा सके. बीजेपी वर्तमान माहौल से भली भांति वाकिफ है. इसीलिए बीजेपी जनता के बीच जाने से डर रही है और चुनाव को टालना चाहती है. यदि बीजेपी को हार का डर नहीं तो वो घबरा क्यों रही है?
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निकाय चुनावों को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) नेता जोत सिंह बिष्ट ने भी बीजेपी को घेरा है. जोत सिंह बिष्ट का कहना है कि एक तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दावा कर रहे हैं कि सरकार 94 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट उत्तराखंड में ला रही है, फिर भी सरकार चुनाव कराने से पीछे हट रही है.
जोत सिंह बिष्ट का कहना है कि निकाय चुनाव में बीजेपी हार रही है और निकाय चुनाव का असर 2024 के लोकसभा चुनाव पड़ेगा. ऐसे में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में बचेंगे, तभी उत्तराखंड में मुख्यमंत्री की कुर्सी बची रहेगी. यही कारण है कि बीजेपी निकाय चुनाव नहीं कराना चाहती है. जोत सिंह बिष्ट ने दावा किया है कि न तो बीजेपी की निकाय चुनाव में जीत होगी और न ही लोकसभा चुनाव में.