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2875 किमी की साइकिल यात्रा कर हल्द्वानी लौटे राजेश जोशी, सुनाए खट्टे मीठे अनुभव - A warm welcome to Rajesh Joshi

साइकिल राइडर राजेश जोशी का हल्द्वानी वापस पहुंचने पर लोगों ने ढोल नगाड़ों और फूल माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया. साइकिल राइडर राजेश जोशी ने बताया कि अपनी यात्रा की शुरूआत चंडीगढ़ पंजाब से की. उन्होंने बताया कि रास्ते में उन्हें काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा.

Haldwani
राजेश जोशी का लोगों ने किया स्वागत.
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Published : Aug 16, 2022, 10:34 AM IST

हल्द्वानी: नैनीताल जिले के बिन्दुखत्ता गांव के रहने वाला युवक राजेश जोशी आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के मौके पर 51 दिनों में कई राज्यों की यात्रा करते हुए अपने गांव पहुंचे. वापसी पर लोगों ने उनका ढोल नगाड़ों और फूल माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया. इस मौके पर कई सामाजिक संगठनों ने राजेश जोशी का स्वागत भी किया.

साइकिल राइडर राजेश जोशी (Haldwani cycle rider Rajesh Joshi) ने बताया कि अपनी यात्रा की शुरूआत चंडीगढ़ पंजाब से शुरू की. जहां साइकिल से 51 दिनों की यात्रा करते हुए 2,875 किलोमीटर की कठिन यात्रा करते हुए जम्मू कश्मीर के सियाचिन आर्मी बेस कैंप तक पहुंचे. रमेश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड के युवाओं में सेल्फ कॉन्फिडेंस को बढ़ाने के लिए इस तरह की यात्रा शुरू की. जिससे पहाड़ के युवा आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होंने बताया कि अपनी यात्रा की शुरूआत चंडीगढ़ से की. हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश होते हुए लालकुआं में यात्रा का समापन किया.
पढ़ें-शटलर लक्ष्य सेन से CM धामी ने वीडियो कॉल पर की बात, परिजनों से भी मिले

राजेश जोशी ने यात्रा का अनुभव साझा करते बताया कि कई जगह खड़ी चढ़ाई करने के दौरान उन्हें काफी कठिनाई आई. बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी कश्मीर में सामने आई. उन्हें पूरी यात्रा पूरी करने में 51 दिनों का समय लगा.

हल्द्वानी: नैनीताल जिले के बिन्दुखत्ता गांव के रहने वाला युवक राजेश जोशी आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के मौके पर 51 दिनों में कई राज्यों की यात्रा करते हुए अपने गांव पहुंचे. वापसी पर लोगों ने उनका ढोल नगाड़ों और फूल माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया. इस मौके पर कई सामाजिक संगठनों ने राजेश जोशी का स्वागत भी किया.

साइकिल राइडर राजेश जोशी (Haldwani cycle rider Rajesh Joshi) ने बताया कि अपनी यात्रा की शुरूआत चंडीगढ़ पंजाब से शुरू की. जहां साइकिल से 51 दिनों की यात्रा करते हुए 2,875 किलोमीटर की कठिन यात्रा करते हुए जम्मू कश्मीर के सियाचिन आर्मी बेस कैंप तक पहुंचे. रमेश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड के युवाओं में सेल्फ कॉन्फिडेंस को बढ़ाने के लिए इस तरह की यात्रा शुरू की. जिससे पहाड़ के युवा आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होंने बताया कि अपनी यात्रा की शुरूआत चंडीगढ़ से की. हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश होते हुए लालकुआं में यात्रा का समापन किया.
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राजेश जोशी ने यात्रा का अनुभव साझा करते बताया कि कई जगह खड़ी चढ़ाई करने के दौरान उन्हें काफी कठिनाई आई. बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी कश्मीर में सामने आई. उन्हें पूरी यात्रा पूरी करने में 51 दिनों का समय लगा.

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