रामनगर: नैनीताल जनपद में रामनगर के क्यारी खाम में चल रहे तितली त्यार में लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. यह तितली त्यार तितलियों के संरक्षण के साथ ही टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मनाया जा रहा है. 15 सितंबर तक चलने वाले तितली त्यार का आगाज 1 सितंबर को हुआ था.
बता दें, कॉर्बेट लैंडस्केप में तितलियों की सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं. इन तितलियों को यहां के स्टेक होल्डर्स अब व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल करने का मन बना रहे हैं. कोशिश है कि पर्यटक यहां तितलियों को देखने आएं और तितलियों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी भी जुटा सकें.
तितली त्यार में हिस्सा होने पहुंचे गाजियाबाद के देवाशीष कहते हैं कि उनको यहां आकर बहुत अच्छा महसूस हो रहा है. उन्होंने कहा कि तितली त्यार से उन्हें काफी कुछ नया सीखने को मिला है. देवाशीष कहते हैं कि इस प्रकार के कार्यक्रम सरकार को भी कराने चाहिए, ताकि टूरिस्ट की रुचि उत्तराखंड में लगातार बनी रहे. बटरफ्लाई पर रिसर्च करने के लिए विदेशी पर्यटक भी यहां आ सकते हैं.
तितली त्यार को आयोजित करने वाले वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट गौरव खुल्बे कहते हैं कॉर्बेट के आसपास तितलियों की 130 प्रजातियां पाई जाती हैं. मधुमक्खी के बाद परागण करने में तितलियों का ही योगदान होता है. वह इस त्यार से लोगों को यह संदेश देने जा रहे हैं कि कॉर्बेट में बाघों के अलावा भी बहुत सी सुंदर चीजें हैं.
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गौरव खुल्बे ने बताया कि इस तितली त्यार को अलाय रिसोर्ट एवं सभी टूरिज्म से जुड़े कारोबारियों ने मिलकर शुरू किया है, जिसमें उत्तराखंड के साथ बाहर के लोग भी भागीदारी कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अब रामनगर को सिर्फ बाघों के लिए ही नहीं जाना जाएगा. आने वाले समय में रामनगर को एक नई पहचान मिलेगी.