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कॉर्बेट नेशनल पार्क: 2019 ने बढ़ाई वन्यजीव प्रेमियों की चिंता, सालभर में 8 बाघों की मौत

रामनगर के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में साल 2019 में 8 बाघों की मौत हुई. जिससे वन्यजीव प्रेमी खासे चिंतित है.

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Published : Dec 30, 2019, 6:33 PM IST

Updated : Dec 30, 2019, 7:30 PM IST

रामनगर: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के गढ़ के रूप में जाना जाता है, लेकिन साल 2019 में यहां 8 बाघों की मौत हुई है. कारण जो भी रहा हो लेकिन वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह चिंताजनक है. उनका कहना है कि कॉर्बेट पार्क में जिस तरह से बाघों की संख्या बढ़ रही है, उतना ही तेजी से उनका प्रभुत्व घटता जा रहा है.

एक साल में 8 बाघों की मौत.

कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक साल में हुई 8 बाघों की मौत

क्र.सं. तारीख (साल 2019) किस जगह हुई मौत मौत का कारण
1 4 मार्च सोननदी रेंज स्वाभाविक
2 3 मई बिजरानी रेंज आपसी संघर्ष
3 27 मई ढेला रेंज रेस्क्यू के दौरान
4 24 जून सोननदी रेंज आपसी संघर्ष
5 21 सितंबर ढेला रेंज आपसी संघर्ष
6 25 नवंबर बिजरानी रेंज आपसी संघर्ष
7 16 दिसंबर बिजरानी रेंज आपसी संघर्ष
8 25 दिसंबर कालागढ़ रेंज अभी रिपोर्ट नहीं आई

बता दें, साल 2018 में कॉर्बेट नेशनल पार्क में 9 बाघोंं की मौत हुई थी. जिसमें 6 बाघों की प्राकृतिक मौत हुई थी, जबकि 3 बाघों की मौत दुर्घटना में हुई थी.

पढ़ें- डोइवालाः धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ करने का प्रयास, परिसर में भारी सुरक्षा बल तैनात

वहीं, बाघों की लगातार हो रही मौत से वन्यजीव प्रेमी खासे चिंतित हैं. वन्यजीव प्रेमी करन बिष्ट का कहना है कि बाघों की राजधानी कॉर्बेट में बाघों की मौत चिंताजनक है. कॉर्बेट प्रशासन को पार्क में गश्त बढ़ानी चाहिए. इससे कॉर्बेट की इमेज को धब्बा लग रहा है. तो वहीं, कॉर्बेट प्रशासन के उपनिदेशक चंद्रशेखर जोशी बाघों की मौत को स्वाभाविक बता रहे हैं.

रामनगर: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के गढ़ के रूप में जाना जाता है, लेकिन साल 2019 में यहां 8 बाघों की मौत हुई है. कारण जो भी रहा हो लेकिन वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह चिंताजनक है. उनका कहना है कि कॉर्बेट पार्क में जिस तरह से बाघों की संख्या बढ़ रही है, उतना ही तेजी से उनका प्रभुत्व घटता जा रहा है.

एक साल में 8 बाघों की मौत.

कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक साल में हुई 8 बाघों की मौत

क्र.सं. तारीख (साल 2019) किस जगह हुई मौत मौत का कारण
1 4 मार्च सोननदी रेंज स्वाभाविक
2 3 मई बिजरानी रेंज आपसी संघर्ष
3 27 मई ढेला रेंज रेस्क्यू के दौरान
4 24 जून सोननदी रेंज आपसी संघर्ष
5 21 सितंबर ढेला रेंज आपसी संघर्ष
6 25 नवंबर बिजरानी रेंज आपसी संघर्ष
7 16 दिसंबर बिजरानी रेंज आपसी संघर्ष
8 25 दिसंबर कालागढ़ रेंज अभी रिपोर्ट नहीं आई

बता दें, साल 2018 में कॉर्बेट नेशनल पार्क में 9 बाघोंं की मौत हुई थी. जिसमें 6 बाघों की प्राकृतिक मौत हुई थी, जबकि 3 बाघों की मौत दुर्घटना में हुई थी.

पढ़ें- डोइवालाः धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ करने का प्रयास, परिसर में भारी सुरक्षा बल तैनात

वहीं, बाघों की लगातार हो रही मौत से वन्यजीव प्रेमी खासे चिंतित हैं. वन्यजीव प्रेमी करन बिष्ट का कहना है कि बाघों की राजधानी कॉर्बेट में बाघों की मौत चिंताजनक है. कॉर्बेट प्रशासन को पार्क में गश्त बढ़ानी चाहिए. इससे कॉर्बेट की इमेज को धब्बा लग रहा है. तो वहीं, कॉर्बेट प्रशासन के उपनिदेशक चंद्रशेखर जोशी बाघों की मौत को स्वाभाविक बता रहे हैं.

Intro:intro.- कॉर्बेट रिजर्व बाघों के गढ़ के रूप में जाना जाता है लेकिन यह इन दिनों बाघों के लिए कब्र माना जा रहा है,जिम कॉर्बेट पार्क में बाघ के दीदार के लिए दुनियाभर से लोग यहां पहुंचते हैं,मगर इस साल यह बाघों कि शरणस्थली नहीं बल्कि बाघों की कब्रगाह बन के सामने आ गया है ।इस साल लगभग 8 बाघों की हुई मौत।


Body:vo.- रामनगर के कॉर्बेट नेशनल पार्क में 1 साल में हुई 8 बाघों की मौत।
1 साल में 8बाघो की मौत का आंकड़ा
4 मार्च को सोननदी रेंज में मौत हो गई थी मौत का कारण स्वाभाविक बता रहा है।3 मई को बिजरानी रेंज में मौत हो गई थी मौत का कारण आपसी संघर्ष बता रहा है। 27 मई को ढेला रेंज में मौत हो गई थी मौत का कारण रेस्क्यू के दौरान बता रहा है। 24 जून को सोननदी रेंज में मौत हो गई थी मौत का कारण आपसी संघर्ष बता रहा है। 21 सितंबर को ढेला रेंज में मौत हो गई थी मौत का कारण आपसी संघर्ष बता रहा है। 25 नवंबर को बिजरानी की रेंज में मौत हो गई थी मौत का कारण आपसी संघर्ष बता रहा है। 16 दिसंबर को बिजरानी रेंज में मौत हो गई थी मौत का कारण आपसी संघर्ष बता रहा है। 25 दिसंबर को कालागढ़ रेंज में मौत हो गई थी,हालांकि इसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है अब बाघों की लगातार हो रही मौत से वन्यजीव प्रेमी सदमे में है। तो कॉर्बेट प्रशासन के उपनिदेशक चंद्रशेखर जोशी का बाघों की मौत को स्वाभाविक बता रहे हैं। वहीं इस मामले में वन्यजीव प्रेमी करन बिष्ट का कहना है कि बाघों की राजधानी कॉर्बेट में बाघों की मौत चिंताजनक है ।और प्रशासन को इसके लिए अपनी गस्त और इंफॉर्मेशन बढ़ानी चाहिए, क्योंकि इससे कॉर्बेट की इमेज को धब्बा लग रहा है।

byte.1-करन बिष्ट(वन्यजीव प्रेमी)
byte.2-चंद्रशेखर जोशी( उपनिदेशक सीटीआर)


Conclusion:
Last Updated : Dec 30, 2019, 7:30 PM IST
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