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कुमाऊं का ये बड़ा सरकारी अस्पताल बना रेफर सेंटर, आठ डॉक्टरों की कमी के चलते मरीज परेशान - kumaon haldwani

इलाज के लिए अपनी एक अलग पहचान रखने वाले हल्द्वानी का बेस अस्पताल सोबन सिंह जीना महज एक रेफर सेंटर बनकर रह गया है. डॉक्टरों की कमी के चलते लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज करवाना पड़ रहा है. डॉक्टरों के रिक्त पदों को भरने के लिए शासन से पत्राचार भी किया जा चुका है.

सोबन सिंह जीना अस्पताल
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Published : Apr 17, 2019, 3:02 PM IST

Updated : Apr 17, 2019, 5:36 PM IST

हल्द्वानी: : कुमाऊं के एक बड़े सरकारी अस्पताल सोबन सिंह जीना अस्पताल इन दिनों डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. चिकित्सक न होने की वजह से अस्पताल मरीजों को रेफर करने तक सीमित हो गया है. रोजाना 1500 ओपीडी करने वाले इस अस्पताल में पिछले कई महीनों से आठ डॉक्टरों के पद रिक्त हैं. डॉक्टरों की इस कमी के चलते अस्पताल की इमरजेंसी सेवा भी सुचारू रखने में काफी दिक्कत हो रही है.

सोबन सिंह जीना अस्पताल बना रेफर सेंटर

दरअसल, सोबन सिंह जीना अस्पताल हल्द्वानी में वर्तमान में डॉक्टरों के 28 पद सृजित हैं. लेकिन, पिछले कई महीनों से यहां 8 डॉक्टरों के पद खाली हैं. यहां न तो न्यूरो सर्जन हैं, न फिजीशियन और न ही सर्जन. यही नहीं कार्डियोलॉजिस्ट सहित कई अन्य मुख्य डॉक्टर तो सालों से यहां तैनात ही नहीं हुए हैं. वहीं, 35 स्टाफ नर्स वाले इस अस्पताल में 28 नर्स काम कर रही हैं. डॉक्टर और अन्य स्टाफ की कमी के चलते मरीजों को निजी अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है.

अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एस.के. शाह का कहना है कि फिलहाल उन्हें मुख्य रूप से दो जीडीएमओ, 2 ईएमओ, सर्जन और फिजीशियन की काफी जरूरत है. इन डॉक्टरों के न होने की वजह से अस्पताल में कार्य सही से नहीं पा रहा है. उन्होंने बताया कि कई बार शासन को पत्र भी लिखा गया है. पूर्व में भी शासन से पत्राचार किया गया था लेकिन शासन द्वारा अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि अगर डॉक्टर ओपीडी देखते हैं तो इमरजेंसी सेवा के लिए कोई डॉक्टर नहीं रहता.

हल्द्वानी: : कुमाऊं के एक बड़े सरकारी अस्पताल सोबन सिंह जीना अस्पताल इन दिनों डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. चिकित्सक न होने की वजह से अस्पताल मरीजों को रेफर करने तक सीमित हो गया है. रोजाना 1500 ओपीडी करने वाले इस अस्पताल में पिछले कई महीनों से आठ डॉक्टरों के पद रिक्त हैं. डॉक्टरों की इस कमी के चलते अस्पताल की इमरजेंसी सेवा भी सुचारू रखने में काफी दिक्कत हो रही है.

सोबन सिंह जीना अस्पताल बना रेफर सेंटर

दरअसल, सोबन सिंह जीना अस्पताल हल्द्वानी में वर्तमान में डॉक्टरों के 28 पद सृजित हैं. लेकिन, पिछले कई महीनों से यहां 8 डॉक्टरों के पद खाली हैं. यहां न तो न्यूरो सर्जन हैं, न फिजीशियन और न ही सर्जन. यही नहीं कार्डियोलॉजिस्ट सहित कई अन्य मुख्य डॉक्टर तो सालों से यहां तैनात ही नहीं हुए हैं. वहीं, 35 स्टाफ नर्स वाले इस अस्पताल में 28 नर्स काम कर रही हैं. डॉक्टर और अन्य स्टाफ की कमी के चलते मरीजों को निजी अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है.

अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एस.के. शाह का कहना है कि फिलहाल उन्हें मुख्य रूप से दो जीडीएमओ, 2 ईएमओ, सर्जन और फिजीशियन की काफी जरूरत है. इन डॉक्टरों के न होने की वजह से अस्पताल में कार्य सही से नहीं पा रहा है. उन्होंने बताया कि कई बार शासन को पत्र भी लिखा गया है. पूर्व में भी शासन से पत्राचार किया गया था लेकिन शासन द्वारा अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि अगर डॉक्टर ओपीडी देखते हैं तो इमरजेंसी सेवा के लिए कोई डॉक्टर नहीं रहता.

Intro: स्लग-अस्पताल में डॉक्टरों की कमी बेस अस्पताल बना रेफर सेंटर,।
रिपोर्टर भावनाथ पंडित /हल्द्वानी
एंकर -कुमाऊ का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल सोवन सिंह जीना सरकारी अस्पताल इन दिनों डॉक्टरों की कमी से बीमार पड़ा है । इलाज के नाम पर अस्पताल रेफर सेंटर बन गया है। रोजाना 1500 ओपीडी करने वाले इस अस्पताल में पिछले कई महीनों से 8 डॉक्टर नहीं है । डॉक्टरों के कमी के चलते अस्पताल की इमरजेंसी चलाने में दिक्कत हो रही है।


Body:कुमाऊ का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल सोवन सिंह जीना अस्पताल हल्द्वानी मे वर्तमान में डॉक्टरों के 28 पद सृजित हैं लेकिन पिछले कई महीनों से 8 डॉक्टर नहीं है। वर्तमान में न तो न्यूरो सर्जन मौजूद है ना ही फिजीशियन हैं इसके अलावा और ना ही सर्जन है ।यही नहीं कार्डियोलॉजिस्ट ,न्यूरोलॉजिस्ट सहित कई मुख्य डॉक्टर की वर्षों से यहा तैनाती भी नहीं हुई है। 35 स्टाफ नर्स वाले अस्पताल में 28 नर्स काम कर रही हैं। रोजाना हजारों मरीजों की ओपीडी होने के बावजूद यहां डॉक्टरों की कमी मरीजों को वापस निजी अस्पताल की ओर रुख करने को मजबूर कर रहा है। जहां निजी अस्पताल गरीबों से मनमाफिक पैसा लूट उनका इलाज कर रहे है।


Conclusion:अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एसके शाह का कहना है कि फिलहाल उन्हें मुख्य रूप से दो जीडीएमओ 2 ईएमओ और सर्जन और फिजीशियन की मुख्य सकता है । इन डॉक्टरों के बिना अस्पताल चलाना संभव नहीं हो पा रहा है ।अगर डॉक्टर ओपीडी देखते हैं तो इमरजेंसी सेवा के लिए कोई डॉक्टर नहीं रहता है । उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर पूर्व में भी शासन से पत्राचार किया जा चुका है । शासन द्वारा अभी तक कोई जवाब नहीं मिल पाया है ।
बाइट -एस के शाह मुख्य चिकित्सा अधिकारी बेस अस्पताल
Last Updated : Apr 17, 2019, 5:36 PM IST
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