हल्द्वानीः प्रदेशभर के करीब 600 एचआईवी पॉजिटिव मरीज लापता हो गए हैं. इनमें से ज्यादातर ऐसे मरीज हैं, जिनकी दवा शुरू हो गई थी, लेकिन वे दवा लेने के लिए एआरटी (एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर्स नहीं पहुंच रहे हैं. विभाग अब एनजीओ और अन्य माध्यमों के सहारे इन मरीजों की तलाश कर रहा है, ताकि उनकी काउंसिलिंग की जा सके.
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एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के लिए हल्द्वानी और देहरादून में एआरटी सेंटर्स खोले गए है, जहां इस रोग से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जाता है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश में करीब 4000 एचआईवी पॉजिटिव मरीज हैं, जो हल्द्वानी और देहरादून के एआरटी सेंटर्स में पंजीकृत हैं.
अकेले हल्द्वानी में ही एचआईवी पॉजिटिव के करीब 2796 मरीज पंजीकृत हैं. जिसमें से 321 मरीज लापता हैं, यानि वे अपना इलाज नहीं करा रहे हैं. एआरटी के डॉक्टर अशोक कुमार का कहना है कि वर्तमान में उनके यहां जो भी मरीज हैं, उनका ट्रीटमेंट सेंट्रल के जो नियम हैं उनके अनुसार किया जाता है.
यहां मरीजों का मुफ्त में इलाज किया जाता है. इसके अलावा उन्हें अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं और समय-समय पर उनकी कांउसिलिंग का जाती है. कई मरीज ऐसे हैं, जो समाज में हिन भावना के चलते अपने आप को छुपा लेते हैं. इसके अलावा एनजीओ और अन्य संस्थाओं के जरिए भी ऐसे मरीजों का पता लगाया जाता है. इस समय कुछ मरीज मिसिंग हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. यहां पर जो मरीज पंजीकृत हैं उनका नाम और पता गोपनीय रखा जाता है.