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नैनीताल में मनरेगा का साढ़े पांच करोड़ बकाया, नहीं हो पा रहा मजदूरों और दुकानदारों का भुगतान

नैनीताल में मनरेगा योजना के तहत साढ़े पांच करोड़ से अधिक का बकाया है. जिसके चलते मजदूर परेशान है. साथ ही मटेरियल का भुगतान न होने से लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

साढ़े पांच करोड़ पहुंचा मनरेगा योजना का बकाया.
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Published : Jul 2, 2019, 1:37 PM IST

हल्द्वानी: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना का प्रदेश में बुरा हाल है. प्रदेश में मनरेगा योजना के तहत 100 करोड़ से अधिक का बकाया है. नैनीताल जिले में ही करीब साढ़े पांच करोड़ की बकाया राशि है. जिसके चलते कई सालों से मटेरियल का भुगतान नहीं हुआ है. साथ ही मजदूरों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
मनरेगा योजना के तहत मिलने वाली राशि का भुगतान न होने से प्रदेश में कई विकास कार्य ठप पड़ गए हैं. मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार का कहना है कि मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष में मात्र 15 लाख रुपए प्राप्त हुए थे, जिनसे मजदूरों को भुगतान किया गया. मनरेगा के तहत नैनीताल जिले में करीब साढ़े पांच करोड़ की राशि से मटेरियल का भुगतान किया जाना है. साथ ही सप्लायर और ग्राम पंचायतों की पेमेंट भी अधूरी है.

साढ़े पांच करोड़ पहुंचा मनरेगा योजना का बकाया.

पढ़ें: अनाज मंडी के मुंशी से 8 लाख की लूट, एक आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे, दूसरा फरार
बता दें कि जिले में 53,170 मनरेगा कार्ड धारक हैं, जिसमें वित्तीय वर्ष में 21,141 लोगों को रोजगार दिया गया. बात अगर अनुसूचित जाति की करें तो जिले में 12,118 कार्डधारक हैं, जिनमें से सिर्फ 4,134 लोगों को रोजगार मिला. वहीं, 309 अनुसूचित जनजाति के परिवारों में से केवल 120 लोगों को ही रोजगार मिल सका.
गौरतलब है कि इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में जल संरक्षण, वृक्षारोपण ,बाढ़ नियंत्रण, लघु सिंचाई सहित आवास निर्माण, बागवानी, ग्रामीण संपर्क मार्ग निर्माण के अंतर्गत मनरेगा कार्ड धारकों से काम कराया जाता है.

हल्द्वानी: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना का प्रदेश में बुरा हाल है. प्रदेश में मनरेगा योजना के तहत 100 करोड़ से अधिक का बकाया है. नैनीताल जिले में ही करीब साढ़े पांच करोड़ की बकाया राशि है. जिसके चलते कई सालों से मटेरियल का भुगतान नहीं हुआ है. साथ ही मजदूरों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
मनरेगा योजना के तहत मिलने वाली राशि का भुगतान न होने से प्रदेश में कई विकास कार्य ठप पड़ गए हैं. मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार का कहना है कि मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष में मात्र 15 लाख रुपए प्राप्त हुए थे, जिनसे मजदूरों को भुगतान किया गया. मनरेगा के तहत नैनीताल जिले में करीब साढ़े पांच करोड़ की राशि से मटेरियल का भुगतान किया जाना है. साथ ही सप्लायर और ग्राम पंचायतों की पेमेंट भी अधूरी है.

साढ़े पांच करोड़ पहुंचा मनरेगा योजना का बकाया.

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बता दें कि जिले में 53,170 मनरेगा कार्ड धारक हैं, जिसमें वित्तीय वर्ष में 21,141 लोगों को रोजगार दिया गया. बात अगर अनुसूचित जाति की करें तो जिले में 12,118 कार्डधारक हैं, जिनमें से सिर्फ 4,134 लोगों को रोजगार मिला. वहीं, 309 अनुसूचित जनजाति के परिवारों में से केवल 120 लोगों को ही रोजगार मिल सका.
गौरतलब है कि इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में जल संरक्षण, वृक्षारोपण ,बाढ़ नियंत्रण, लघु सिंचाई सहित आवास निर्माण, बागवानी, ग्रामीण संपर्क मार्ग निर्माण के अंतर्गत मनरेगा कार्ड धारकों से काम कराया जाता है.

Intro:sammry- मनरेगा का नैनीताल जिले में करोड़ों बकाया। एंकर- केंद्र सरकार द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का पूरा प्रदेश में बुरा हाल है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि पूरे प्रदेश में मनरेगा के 100 करोड़ से अधिक का बकाया केंद्र सरकार के ऊपर हो चुका है लेकिन केंद्र सरकार से बजट नहीं मिलने के चलते मनरेगा के मेटेरियल का भुगतान नहीं हो पा रहा है जिसके चलते कई विकास कार्य ठप पड़े हैं। अकेले नैनीताल जिले में मनरेगा के तहत करीब साढे पांच करोड़ का मैट्रियल का भुगतान पिछले कई सालों से नहीं हुआ है।


Body:मनरेगा के सफल संचालन के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को बजट उपलब्ध कराया जाता है जिसके तहत मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को रोजगार मिल सके और उनकी आमदनी में वृद्धि हो सके। पूरे प्रदेश में मनरेगा के कार्यों के मजदूरी और निर्माण सामग्री का लगातार बजट बढ़ रहा है जिसके चलते कई विकास कार्य भी ठप हो गए हैं। मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार का कहना है कि मनरेगा के तहत नैनीताल जिले में करीब साढे पांच करोड़ के आसपास की बकाया राशि केंद्र सरकार से मिलने है जो मैट्रियल भुगतान की बकाया राशि हैं । मनरेगा के भुगतान नहीं होने के चलते मजदूर भी परेशान हैं दूसरी और सप्लाई करने और ग्राम पंचायतों को भी पेमेंट अधूरे पड़े हुए हैं। बात नैनीताल जनपद की करें तो जिले में 53170 मनरेगा कार्ड धारक है जिसमें वित्तीय वर्ष में 21141 लोगों को रोजगार दिया गया है। अनुसूचित जाति के परिवारों को करें तो जिले में 12118 कार्डधारक हैं ।जिनमें 4134 लोगों को रोजगार मिल पाया है। जबकि जिले में 309 अनुसूचित जनजाति के परिवार के पास मनरेगा जॉब कार्ड है जिसमें 120 लोगों को ही रोजगार मिल पाया है। गौरतलब है कि इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में जल संरक्षण, वृक्षारोपण ,बाढ़ नियंत्रण ,लघु सिंचाई सहित आवास निर्माण, बागवानी ,ग्रामीण संपर्क मार्ग निर्माण के अंतर्गत मनरेगा कार्ड धारकों से काम कराया जाता है।


Conclusion:मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार का कहना है कि मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष में मात्र 15 लाख रुपए प्राप्त हुए थे जो मजदूरों को भुगतान किया गया। विनीत कुमार का कहना है कि जिले के हाल ब्लाक के अंदर मनरेगा का काम किया जा रहा है बाइट -विनीत कुमार मुख्य विकास अधिकारी जिला नैनीताल
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