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रामनगर में NH309 पर बनी 40 वर्ष पुरानी मजार हुई जमींदोज, साक्ष्य पेश न करने पर माना गया अवैध

40 years old mazar demolished रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत आने वाले नेशनल हाईवे 309 रिंगोडा स्थित 40 वर्ष पुरानी भूरे शाह मजार को ध्वस्त किया गया है. साथ ही मजार जिस भूमि पर बनी है, उसे अवैध भूमि करार दिया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Aug 3, 2023, 10:44 AM IST

भूरे शाह की मजार पर चला बुलडोजर

रामनगर: कॉर्बेट पार्क से लगते रामनगर वन प्रभाग की भूमि पर नेशनल हाईवे 309 रिंगोडा के पास स्थित मज़ार को वन प्रभाग व प्रशासन की संयुक्त टीम ने ध्वस्त कर दिया है. दरअसल इस मजार के खादिम साक्ष्य नहीं दे पाए. जिसकी वजह से अवैध तरीके से बनी इस मज़ार को जमींदोज किया गया. कार्रवाई के दौरान मजार से कोई मानव अवशेष नहीं मिला.

प्रदेश सरकार द्वारा वन क्षेत्र में अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाने की कार्रवाई की जा रही है. इसी क्रम में 40 वर्ष से ज्यादा पुरानी भूरे शाह मजार को ध्वस्त किया गया है. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मजार का कोई धारणाधिकारी ना होने के कारण इसे अवैध माना गया है. उन्होंने कहा कि संबंधित मजार को धारणाधिकारी प्रस्तुत करने के लिए नोटिस दिया गया था. जिसके बाद किसी भी प्रकार की पुष्टि न होने के कारण धार्मिक संरचना को अवैध चिन्हित करते हुए मजार को हटा दिया गया है.
ये भी पढ़ें: Global Tiger Day पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघिन का शव मिलने से मचा हड़कंप, ये बताई जा रही वजह

रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ द्वारा खादिम से भूमि दस्तावेज मांगे गए. इस बारे में खादिम द्वारा वन संरक्षक कुमायूं के यहां भी अर्जी दी गई थी, लेकिन वहां भी वो प्रपत्र नहीं दे सके. जिसके बाद वन विभाग द्वारा उन्हें दो हफ्ते का समय देकर खुद ही यहां से अतिक्रमण हटाने को कहा था, लेकिन उनके द्वारा नहीं हटाने पर मजार को प्रशासन द्वारा हटाया गया है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये क्षेत्र वन्यजीव बाहुल्य क्षेत्र है और यहां से हाथियों के साथ ही अन्य वन्यजीव कोसी नदी की तरफ रुख करते हैं.
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भूरे शाह की मजार पर चला बुलडोजर

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प्रदेश सरकार द्वारा वन क्षेत्र में अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाने की कार्रवाई की जा रही है. इसी क्रम में 40 वर्ष से ज्यादा पुरानी भूरे शाह मजार को ध्वस्त किया गया है. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मजार का कोई धारणाधिकारी ना होने के कारण इसे अवैध माना गया है. उन्होंने कहा कि संबंधित मजार को धारणाधिकारी प्रस्तुत करने के लिए नोटिस दिया गया था. जिसके बाद किसी भी प्रकार की पुष्टि न होने के कारण धार्मिक संरचना को अवैध चिन्हित करते हुए मजार को हटा दिया गया है.
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रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ द्वारा खादिम से भूमि दस्तावेज मांगे गए. इस बारे में खादिम द्वारा वन संरक्षक कुमायूं के यहां भी अर्जी दी गई थी, लेकिन वहां भी वो प्रपत्र नहीं दे सके. जिसके बाद वन विभाग द्वारा उन्हें दो हफ्ते का समय देकर खुद ही यहां से अतिक्रमण हटाने को कहा था, लेकिन उनके द्वारा नहीं हटाने पर मजार को प्रशासन द्वारा हटाया गया है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये क्षेत्र वन्यजीव बाहुल्य क्षेत्र है और यहां से हाथियों के साथ ही अन्य वन्यजीव कोसी नदी की तरफ रुख करते हैं.
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