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कॉर्बेट में राष्ट्रीय पशु को खतरा, 15 साल में सेही और सांप के हमले में 3 बाघों की गई जान - सेही और सांप के हमले में 3 बाघों की गई जान

विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघ ही अन्य वन्यजीवों के दुश्मन नहीं हैं, बल्कि बाघों को भी सेही और सांपों से जान का खतरा होता है. कई बार इनके हमले से बाघों को जान तक गंवानी पड़ी है.

corbett park
बाघों को खतरा.
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Published : Jul 8, 2021, 1:19 PM IST

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क में लगातार बाघों को शिकार करते हुए देखा जाता है. लेकिन कई बार बाघ खुद जान गंवा बैठते हैं. बता दें कि बाघ और सेही की दुश्मनी में कई बार बाघों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है. अगर पिछले 15 सालों की बात करें तो पिछले 15 सालों में सेही के हमले में 2 बाघों की मौत हो चुकी है. जबकि, सांप के काटने से भी पिछले 15 साल में एक बाघ की मौत हो चुकी है.

पिछले 15 साल में कॉर्बेट नेशनल पार्क में सेही और सांप के हमले में 3 बाघों की मौत हो चुकी है. बता दें कि, 2011 में सेही के हमले में एक नर बाघ की मौत हो गई थी. जबकि 2017 में भी सेही के हमले में एक मादा बाघ की मौत हो गई थी. इन दोनों बाघों की मौत सेही के नुकीले कांटों से होने की पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुई थी. वहीं 2016 में सांप के काटने से एक नर बाघ की मौत हो गई थी, जिसकी पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुई थी.

कॉर्बेट में बाघों को खतरा.

ये भी पढ़ें: बस की टक्‍कर से स्कूटी सवार युवती की मौत, जांच में जुटी पुलिस

वहीं, इस विषय में ज्यादा जानकारी देते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत के बाद उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का विश्लेषण किया जाता है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में 2 बाघों की मौत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सेही के कांटों से मौत की पुष्टि हुई. वहीं एक बाघ की सांप के काटने से मौत की पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुई है.

ये भी पढ़ें: रामनगर में हाथी ने वन गुर्जर को कुचलकर मार डाला

कॉर्बेट के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि बाघ का सामना होने पर सेही अधिकतर हमलावर हो जाती है. सेही के नुकीले कांटे बाघ के गले और चेस्ट में चुभ जाते हैं. बहुत बार तो यह कांटे खुद ही निकल जाते हैं, लेकिन कई बार जितना बाघ मूवमेंट करता है, उतना यह कांटे शरीर के भीतर तक घुस जाते हैं. ऐसे में बाघ घायल होता है और फिर उसकी मौत हो जाती है. वहीं उन्होंने कहा कि सांप के काटने से जहर के कारण बाघ की मौत होती है.

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क में लगातार बाघों को शिकार करते हुए देखा जाता है. लेकिन कई बार बाघ खुद जान गंवा बैठते हैं. बता दें कि बाघ और सेही की दुश्मनी में कई बार बाघों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है. अगर पिछले 15 सालों की बात करें तो पिछले 15 सालों में सेही के हमले में 2 बाघों की मौत हो चुकी है. जबकि, सांप के काटने से भी पिछले 15 साल में एक बाघ की मौत हो चुकी है.

पिछले 15 साल में कॉर्बेट नेशनल पार्क में सेही और सांप के हमले में 3 बाघों की मौत हो चुकी है. बता दें कि, 2011 में सेही के हमले में एक नर बाघ की मौत हो गई थी. जबकि 2017 में भी सेही के हमले में एक मादा बाघ की मौत हो गई थी. इन दोनों बाघों की मौत सेही के नुकीले कांटों से होने की पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुई थी. वहीं 2016 में सांप के काटने से एक नर बाघ की मौत हो गई थी, जिसकी पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुई थी.

कॉर्बेट में बाघों को खतरा.

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वहीं, इस विषय में ज्यादा जानकारी देते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत के बाद उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का विश्लेषण किया जाता है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में 2 बाघों की मौत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सेही के कांटों से मौत की पुष्टि हुई. वहीं एक बाघ की सांप के काटने से मौत की पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुई है.

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कॉर्बेट के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि बाघ का सामना होने पर सेही अधिकतर हमलावर हो जाती है. सेही के नुकीले कांटे बाघ के गले और चेस्ट में चुभ जाते हैं. बहुत बार तो यह कांटे खुद ही निकल जाते हैं, लेकिन कई बार जितना बाघ मूवमेंट करता है, उतना यह कांटे शरीर के भीतर तक घुस जाते हैं. ऐसे में बाघ घायल होता है और फिर उसकी मौत हो जाती है. वहीं उन्होंने कहा कि सांप के काटने से जहर के कारण बाघ की मौत होती है.

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