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रामनगर: खतरे में बाघों का अस्तित्व, कॉर्बेट नेशनल पार्क में 5 साल में 23 मौतें - Corbett National Park Director Rahul Kumar

विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क में पिछले 5 सालों में 23 बाघों की मौत हुई है. वहीं पिछले 5 सालों में 23 बाघों की मौत से वन्यजीव प्रेमी और पर्यावरणविद खासे चिंतित हैं.

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खतरे में बाघों का अस्तित्व
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Published : Jun 1, 2020, 4:24 PM IST

Updated : Jun 1, 2020, 7:47 PM IST

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क अपनी खूबसूरती के साथ ही जंगली जानवरों के संरक्षण के लिए विश्व प्रसिद्ध है. खास तौर से सैलानी बाघों को देखने के लिए यहां देश-विदेश से खिंचे चले आते हैं. वहीं पिछले 5 सालों में बाघों की सबसे ज्यादा मौत भी चर्चा का विषय बनी हुई है. रिकॉर्ड के मुताबिक कॉर्बेट नेशनल पार्क में 5 सालों में 23 बाघों की मौत हुई है. जिसमे एक बाघ की मौत सांप के काटने से और अन्य की मौत आपसी संघर्ष में हुई हैं. बाघों की मौत से वन्यजीव प्रेमी और पर्यावरणविद खासे चिंतित हैं.

कॉर्बेट नेशनल पार्क

गौरतलब है कि, बाघों को लेकर अपनी अलग पहचान रखने वाला कॉर्बेट नेशनल पार्क 1288.32 वर्ग किलो मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. जिसमें बाघों के अलावा हाथी, गुलदार, हिरण, चीतल, सांभर, सेही जैसे विभिन्न प्रकार के जंगली जानवर रहते हैं. दरअसल, कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों की संख्या 250 से ज्यादा है. लिहाजा कॉर्बेट में बाघों 100 स्क्वायर किलो मीटर पर 22 बाघ पाए जाते हैं. जिनका दीदार करने बड़ी संख्या में सैलानी देश-विदेश से यहां पहुंचते हैं. वहीं कॉर्बेट नेशनल पार्क से सरकार को करोड़ों रुपए का सालाना राजस्व प्राप्त होता है.

पढ़ें- उत्तराखंड में तेजी से बढ़ रहा कोरोना संक्रमण, संक्रमितों की संख्या 907 हुई

कॉर्बेट नेशनल पार्क के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट पार्क टाइगर रिजर्व हाई डेंसिटी टाइगर क्षेत्र है. जिस कारण बाघों में आपसी संघर्ष की स्थिति बनी रहती है. उन्होंने कहा कि बाघों की ज्यादातर मौतें स्वाभाविक और आपसी संघर्ष से होती हैं.

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क अपनी खूबसूरती के साथ ही जंगली जानवरों के संरक्षण के लिए विश्व प्रसिद्ध है. खास तौर से सैलानी बाघों को देखने के लिए यहां देश-विदेश से खिंचे चले आते हैं. वहीं पिछले 5 सालों में बाघों की सबसे ज्यादा मौत भी चर्चा का विषय बनी हुई है. रिकॉर्ड के मुताबिक कॉर्बेट नेशनल पार्क में 5 सालों में 23 बाघों की मौत हुई है. जिसमे एक बाघ की मौत सांप के काटने से और अन्य की मौत आपसी संघर्ष में हुई हैं. बाघों की मौत से वन्यजीव प्रेमी और पर्यावरणविद खासे चिंतित हैं.

कॉर्बेट नेशनल पार्क

गौरतलब है कि, बाघों को लेकर अपनी अलग पहचान रखने वाला कॉर्बेट नेशनल पार्क 1288.32 वर्ग किलो मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. जिसमें बाघों के अलावा हाथी, गुलदार, हिरण, चीतल, सांभर, सेही जैसे विभिन्न प्रकार के जंगली जानवर रहते हैं. दरअसल, कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों की संख्या 250 से ज्यादा है. लिहाजा कॉर्बेट में बाघों 100 स्क्वायर किलो मीटर पर 22 बाघ पाए जाते हैं. जिनका दीदार करने बड़ी संख्या में सैलानी देश-विदेश से यहां पहुंचते हैं. वहीं कॉर्बेट नेशनल पार्क से सरकार को करोड़ों रुपए का सालाना राजस्व प्राप्त होता है.

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कॉर्बेट नेशनल पार्क के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट पार्क टाइगर रिजर्व हाई डेंसिटी टाइगर क्षेत्र है. जिस कारण बाघों में आपसी संघर्ष की स्थिति बनी रहती है. उन्होंने कहा कि बाघों की ज्यादातर मौतें स्वाभाविक और आपसी संघर्ष से होती हैं.

Last Updated : Jun 1, 2020, 7:47 PM IST
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