हल्द्वानी: शराब के कारोबार से अब कारोबारी मुंह फेर रहे हैं. सरकारी शराब की दुकानों के ऊंचे टेंडर बोली और सरकार द्वारा निर्धारित राजस्व टारगेट के चलते शराब कारोबारी भी अब कारोबार से पीछे हट रहे हैं. नतीजतन कुमाऊं मंडल के 22 सरकारी शराब की दुकानों के लिए उनके ठेकेदार नहीं मिल पाए, जिसके चलते यह दुकानें इस वित्तीय वर्ष के लिए बंद कर दी गई हैं. यही नहीं 22 दुकानों के बंद हो जाने से सरकार को करीब 30 करोड़ों रुपए काम मिलने वाला राजस्व का भी नुकसान हुआ है.
सहायक आबकारी आयुक्त केके कांडपाल ने बताया कि कुमाऊं मंडल में 276 अंग्रेजी और देसी ब्रांड की सरकारी शराब की दुकानें हैं. इस वित्तीय वर्ष में सभी दुकानों का 2 वर्ष के लिए टेंडर किया गया है, लेकिन कोविड के चलते बहुत से शराब कारोबारियों ने शराब के कारोबार से पीछे हट रहे हैं. जिसके चलते मंडल के 22 दुकानों के लिए ठेकेदार नहीं मिल पाए. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य से अधिक का राजस्व की प्राप्ति की गई है, लेकिन 22 दुकानों का और संचालन होता तो करीब 30 करोड़ से अधिक का राजस्व सरकार को और प्राप्ति होती.
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उन्होंने कहा कि अभी तक शासन से इन दुकानों के लिए दोबारा से कोई टेंडर प्रक्रिया के आदेश नहीं मिले हैं, शासन के निर्देश के बाद ही इन दुकानों का फिर से टेंडर हो सकेगा. विभाग द्वारा सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य से अधिक की राजस्व की प्राप्ति की गई है.