हल्द्वानी: समाज कल्याण विभाग की ओर से प्रदेश में दिव्यांगों को बनने वाले (विशिष्ट पहचान पत्र) यूडीआईडी कार्ड बनने की रफ्तार धीमी है. अभी तक पूरे प्रदेश में मात्र 15 हजार दिव्यांगों का रजिस्ट्रेशन हो पाया है. जबकि पूरे प्रदेश में करीब 75,000 दिव्यांग और पेंशन धारक हैं जिनका यूडीआईडी कार्ड बनना है. यूनिक आईडी कार्ड बनने में हो रही देरी का मुख्य कारण दिव्यांगों तक उनको सुविधा उपलब्ध नहीं कराना और जागरूकता नहीं होना है.
केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही दिव्यांगों के लिए विशिष्ट पहचान पत्र कार्ड के माध्यम से दिव्यांग अपनी योजनाओं का कहीं भी लाभ ले सकते हैं. दिव्यांगों को उनकी पेंशन से लेकर देश में कहीं भी इलाज की सुविधा मिलती है. सरकारी सहायता पाने के दौरान यूडीआईडी कार्ड का प्रयोग कर सकते हैं. इस योजना को शुरू हुए एक साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन पूरे प्रदेश में अभी तक मात्र 15,174 दिव्यांगों का रजिस्ट्रेशन और उनको यूनिक कार्ड उपलब्ध कराया गया है. पूरे प्रदेश में 75,000 से अधिक दिव्यांगों के कार्ड बनने हैं.
पढ़ें: हरिद्वार महाकुंंभ को लेकर डीजीपी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश
समाज कल्याण विभाग के निदेशक विनोद गिरी गोस्वामी का कहना है कि दिव्यांगों के लिए बनने वाला यूडीआईडी कार्ड की रफ्तार धीमी चल रही है. इसको लेकर जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है. सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जगह-जगह पर कैंप लगाकर कैंप के माध्यम से दिव्यांगों का यूडीआईडी कार्ड बनाने का काम किया जाए. जिससे समय रहते सभी दिव्यांगों का उनके कार्ड उपलब्ध हो सकें.