हल्द्वानीः दीपावली के त्योहार में महालक्ष्मी पूजन का सबसे ज्यादा महत्व रहता है. धन संपदा, सुख समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी की पूजा अर्चना कर हर कोई माता को प्रसन्न करने का प्रयास करता है. कुमाऊं के एकमात्र अष्टादश महालक्ष्मी मंदिर में भी लोगों का तांता लगा हुआ है. यह मंदिर हल्द्वानी के बेरी पड़ाव में है, जहां सुबह से ही महालक्ष्मी की आरती और दर्शन करने के लिए लोग दूर दराज से पहुंच रहे हैं. साथ ही हर प्रकार से धन की देवी को प्रसन्न करने की जुगत में है. वहीं, इस मौके पर एक साथ 11 हजार दीये भी जलाए गए.
बता दें कि बेरी पड़ाव में दूरदराज से लोग मां लक्ष्मी की आराधना करने आ रहे हैं. महालक्ष्मी पूजा के दिन इस क्षेत्र के सबसे बड़े महालक्ष्मी मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है. मंदिर के महामंडलेश्वर सोमेश्वर यती महाराज ने बताया कि महालक्ष्मी जी की पूजा आराधना और जलाभिषेक व दीप आरती का भव्य आयोजन किया जा रहा है. जिसको लेकर श्रद्धालु दूर दूर से यहां माता के दर्शन के लिए आ रहे हैं और माता की कृपा से धन लक्ष्मी वैभव की प्राप्ति होती है.
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महामंडलेश्वर सोमेश्वर यति महाराज ने बताया कि मंदिर में एक साथ 11000 दीयों को प्रज्वलित किया गया. सुबह से महालक्ष्मी माता का जाप और पूजा अर्चना की जा रही है. आसपास के शहरों से भक्त माता लक्ष्मी की आराधना करने मंदिर परिसर में पहुंच रहे हैं. माना जाता जाता है कि महालक्ष्मी पूजा के दिन माता को प्रसन्न करने से परिवार में सुख शांति समृद्धि आती है. गौ हो कि अष्टादश महालक्ष्मी मंदिर कुमाऊं का एकमात्र मंदिर है, जहां महालक्ष्मी की पूजा होती है. यह मंदिर उत्तर भारत का प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है. यही वजह है कि यहां पर देशी विदेशी श्रद्धालुओं का हमेशा तांता लगा रहता है.