हरिद्वार: सोशल मीडिया पर लाइक्स और कमेंट बढ़ाने के लिए हरिद्वार पहुंच रहे युवा अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. इसका अंदाजा हरकी पैड़ी और उसके आस पास के घाटों पर साफ तौर पर देखा जा सकता है. यहां युवा वीडियो बनाने के चक्कर में कुछ ऐसा कर गुजर रहे हैं जो इनकी जिंदगी पर भारी पड़ सकता है. सोशल मीडिया पर वायरल होने के क्रेज इन युवाओं को कई बार मौत के मुंह में ले जाता है.
धर्मनगरी हरिद्वार की बात करें तो कई युवा सोशल मीडिया के लिए वीडियो बनाने के चक्कर में अपनी जान भी गंवा चुके हैं. आंकड़ों की बात करें तो 2023 में अब तक 36 लोगों की डूबने की सूचना जल पुलिस को मिली. जिनमें से 34 लोगों का जल पुलिस ने सकुशल रेस्क्यू किया. 2 लोगों की गंगा में डूबने से मौत भी हुई है. 2022 में लगभग 200 के करीब लोगों को जल पुलिस ने बचाया. 18 लोगों की इस साल गंगा में डूबने से मौत हुई.
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हरिद्वार की तीर्थ पुरोहितों की सर्वोच्च संस्था गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने भी इस बात से सहमति जताते हुए कहा कि सोशल मीडिया के क्रेज में धर्म नगरी में आ रहे युवा अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. उन्होंने कहा हमारे द्वारा मां गंगा में स्नान करने के लिए उचित व्यवस्था की गई है. इसके बाद भी कुछ लोग जानबूझकर उस व्यवस्था का दुरुपयोग कर मां गंगा में स्नान करते हैं. यही कारण है कि कई बार लापरवाही जान पर भारी पड़ जाती है. तन्मय वशिष्ट ने हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वह सोशल मीडिया के लिए कंटेंट बनाने के चक्कर में अपनी जान से खिलवाड़ न करें.
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वहीं, इस मामले में हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है. उन्होंने कहा हरिद्वार आकर मां गंगा में स्नान करते हुए किसी भी तरह की लापरवाही ना करें. इससे आपकी जान भी जा सकती है. ऐसा कई बार देखा गया है कि जो लोग अपने आप को अच्छा तैराक मानते थे उनकी ही जान गंगा में डूबने से गई हैय आंकड़े भी इसको साबित कर रहे हैं.