हरिद्वार: झारखंड के दुमका में लव जिहाद के कारण हुई अंकिता की हत्या (Dumka Ankita murder case) की आग उत्तराखंड तक पहुंच गई है. उत्तराखंड के हरिद्वार में अंकिता की हत्या को लेकर साधु-संतों में उबाल है. हरिद्वार के श्री परशुराम घाट पर संतों ने एक दिन का उपवास रख अपना विरोध जताया (Protest against Ankita murder) है. इस दौरान जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि (Yeti Narasimhanand Giri statement) ने नेताओं और कुछ साधु-संतों पर कटाक्ष भी किया.
अंकिता की हत्या के मामले को जिक्र करते हुए नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि शायद ही कोई दिन होगा ,जब देश में किसी हिंदू बेटी की हत्या न की जाती हो. नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि आज हिंदू समाज अपनी बेटियों की रक्षा करने के लायक बचा है. कुछ झूठे नेताओं और कायर धर्मगुरुओं की वजह से आज हिंदू समाज की ये हालात हुई है. आज सिर्फ हमारी बेटियों की शिकार किया जा रहा है.
नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि आज हिंदूओं के साथ कोई खड़ा नहीं है. अगर कोई लड़की जिहादियों को मना करती है तो उन्हें अंकिता तोमर और निकिता की तरह मार दिया जाता है. अगर वो जिहादियों की बात मान लेती हैं तो उनकी बॉडी या तो सूटकेस में मिलती है या जमीन में गढ़ी हुई मिलती है. नरसिंहानंद गिरि कहा कि इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
दुमका में लव जिहाद के नाम पर जो हुआ वो सारी मानवता के लिये कलंक है. इसमें भी सबसे बुरी बात उस अपराधी की अकड़ है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के जितेंद्र नारायण त्यागी को दोबारा हरिद्वार जेल में सरेंडर करने के फैसले पर स्वामी यती नरसिंहानंद ने कहा कि जो भी जितेंद्र त्यागी के साथ हो रहा है, वह गलत हो रहा है और हिंदुओं को उनका साथ देना चाहिए. क्योंकि वह अपना धर्म छोड़कर हिंदू धर्म में आए हैं. मेरी कुछ मजबूरियां हैं जो मैं उनका साथ नहीं दे सकता, लेकिन हिंदुओं को उनका साथ देना चाहिए.