हरिद्वार: जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की रिहाई को लेकर धरने पर बैठे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने आज एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हम धर्म संसद में वही मुद्दे प्रमुखता से उठा रहे थे जिन मुद्दों को लेकर भाजपा चुनाव में जा रही है. ऐसे में बीजेपी को अपने राजनीतिक मुद्दों के साथ खड़े होने का साहस दिखाना चाहिए.
बता दें कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि सर्वानन्द घाट पर बैठे हैं. ऐसे में उन्होंने धर्म संसद मामले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा उत्तराखंड सरकार से स्पष्टीकरण मांगने के फैसले का भी स्वागत किया है. साथ ही उन्होंने बीजेपी सरकार से आगे आकर जिम्मेदारी लेने की बात भी कही है, ताकि निर्दोष जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को जमानत मिल सके.
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि उत्तराखंड बीजेपी ने चुनाव के अंतिम समय में वो ही मुद्दे उठाए जिनपर धर्म संसद में गम्भीर चिंता व्यक्त की गई थी. अगर, किसी ने ध्यान दिया हो तो बीजेपी चुनाव के समय लव जिहाद, लैंड जिहाद और बिगड़ते हुए जनसंख्या अनुपात के मुद्दों पर ही आ गई क्योंकि बीजेपी के नेता ये अच्छी तरह समझ गए थे कि हिन्दुओं के सामने मुद्दा विकास नहीं बल्कि अपनी मां, बहन, बेटियों की रक्षा और हिन्दुओं की अस्तित्व को बचाना है.
उन्होंने कहा कि धर्म संसद का विषय भी यही था कि घटती हुई हिन्दू जनसंख्या के कारण भारत यदि इस्लामिक देश बन गया तो यहां हिन्दुओं और सनातन धर्म का भविष्य क्या होगा? उनमें और हमारे में अंतर बस इतना है कि हमारे लिये यह अस्तित्व का और उनके लिये यह राजनीति का मुद्दा है. आज समय की मागं है कि बीजेपी साहस दिखाए और राजनीतिक मुद्दों के लिये लड़ने वालों को न्याय दिलाने का प्रयास करे नहीं तो धर्म और इतिहास उन्हें कभी क्षमा नहीं करेगा.
पढ़ें- यति नरसिंहानंद गिरि ने धर्माचार्यों को दी शास्त्रार्थ की चुनौती, बोले- हारा तो लूंगा जल समाधि
यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने धर्म संसद में जो कुछ कहा वो सब बातें वो अपनी किताब मोहम्मद में लिख चुके हैं, जिसे उन्होंने बहुत अनुसंधान के बाद सन्दर्भ लेकर लिखा है. इस पुस्तक को प्रतिबंधित करवाने के लिये जब कुछ कट्टरपंथी जिहादी दिल्ली उच्च न्यायालय में गए तो दिल्ली उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायधीशों ने इस पुस्तक को प्रामाणिक मानते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता करार दिया. कुछ समझ नहीं आ रहा कि जो बात भारत की राजधानी दिल्ली में सही है वो सनातन धर्म की आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार में इतना बड़ा अपराध कैसे हो गयी कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी जमानत के लिये भी तरस गये.
वहीं, स्वामी अमृतानंद महाराज ने कहा कि हिन्दुओं ने बीजेपी को अपने अस्तित्व और धर्म की रक्षा के लिये सत्ता दी थी. धर्म संसद में उन्हीं के मुद्दों पर चर्चा की गई थी जो मुद्दे बीजेपी और उसके अनुषांगिक संगठन उठाते रहे हैं. आज बीजेपी को अपने मुद्दों पर डटकर खड़ा होना और उनका साथ देना चाहिये जो इन मुद्दों के लिये लड़ रहे हैं. अगर, बीजेपी ऐसा नहीं करती तो बहुत जल्द हिंदुओं का समृद्ध इतिहास कूड़ेदान में विलीन हो जाएगा.