हरिद्वार: यति नरसिंहानंद गिरि (Yeti Narasimhanand Giri) ने सर्वानंद घाट पर पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि वह अब हरिद्वार में अब हिंदू बचाओ मोर्चा (Hindu Bachao Morcha) का कार्यालय बनाने जा रहे हैं. जिसमें ना ही धरना प्रदर्शन व ना ही किसी का विरोध किया जाएगा. बल्कि हिंदुओं पर हो रहे जुल्म और अत्याचार का हर मामला अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया जाएगा. वहीं उन्होंने बताया कि हिंदू बचाओ मोर्चा के संरक्षण के लिए जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद और स्वामी रामदेव को पत्र लिखा है और उनसे मिलने का समय मांगा गया है.
वहीं निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के देवबंद के अरशद मदनी से हुई मुलाकात (Arshad Madani Swami Kailashanand meeting) पर बोलते हुए यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि यह हिंदू धर्म के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि मदनी जैसे हिंदू विरोधी लोगों को अब हरिद्वार के मंदिरों में बुलाया जा रहा है. यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि हालांकि मैं कुछ भी कैलाशानंद पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन मेरा अपना सिद्धांत है. मेरे सिद्धांत के अनुसार यदि कोई हिंदू होकर अरशद मदनी जैसे व्यक्तियों का स्वागत करता है, तो वह अपना कुल द्रोही और धर्म द्रोही है.
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वहीं यदि कोई धर्माचार्य होकर अरशद मदनी जैसे व्यक्तियों का स्वागत करता है तो वह सही नहीं है. कोई भी धर्माचार्य अपने आप कमाकर नहीं खाता है. वह हिंदुओं से मिले दान के सहारे अपना जीवन यापन करता है. इस तरह की घटना यदि धर्मनगरी हरिद्वार में हो रही है, तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिंदुओं का भविष्य कितना खतरे में है.
बता दें कि पिछले दिनों देवबंद के अरशद मदनी ने हरिद्वार पहुंचकर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद से मुलाकात की थी. उनकी यह मुलाकात दक्षिणेश्वर काली मंदिर में हुई थी. जहां पर स्वामी कैलाशानंद ने मदनी को भगवा साल ओढ़ा कर सम्मानित किया था. जबकि मदनी ने आचार्य महामंडलेश्वर को हिंदी में अनुवाद की हुई कुरान भेंट की थी. जिसके बाद से ही संत समाज का एक धड़ा उन पर हमलावर है.