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तमाम अटकलों के बाद पास हुआ तीन तलाक बिल, जानिए धर्मनगरी की महिलाओं की राय

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Published : Jul 26, 2019, 7:00 PM IST

लंबे समय से अटका तीन तलाक बिल का किस्सा मोदी सरकार ने खत्म कर दिया है. गुरुवार को लोकसभा में तीन तलाक के बिल को पास कर दिया गया है. इस बिल के पास होने से अधिकतर महिलाएं खुश हैं तो वहीं कुछ को सरकार से शिकायत भी है.

लोकसभा ने पास किया तीन तलाक का बिल.

हरिद्वार: गुरुवार को लोकसभा में बड़ी बहस के बीच तीन तलाक का बिल पास हुआ. एक तरफ इसके पक्ष में 303 वोट पड़े तो वहीं बिल के विपक्ष में 82 वोट पड़े. मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले यह दावा कर चुकी थी कि दोबारा सरकार आने पर तीन तलाक बिल बड़े बहुमत के साथ पास कराया जाएगा.

मोदी सरकार ने तीन तलाक के बिल को पास करते हुए अपना वादा कर पूरा किया. तीन तलाक का बिल पास होने पर घर-घर का मुद्दा यह है कि यह मुस्लिम महिलाओं के लिए कितना सही और कितना गलत हो सकता है. तीन तलाक को लेकर रुड़की की महिलाओं का कहना है कि लोकसभा में पास हुए इस बिल में औरतों के हक में बातें हैं, लेकिन इसमें कई तरह की खामियां भी नजर आ रही हैं.

लोकसभा ने पास किया तीन तलाक का बिल.
कुछ महिलाओं का कहना है कि मोदी सरकार के तीन तलाक बिल के अनुसार तलाक होने पर शोहर को अगर सजा दी जाती है, तो ऐसे में बीवी और बच्चों का खर्चा कौन देगा. तलाक देने के बाद परुवार की जिम्मेदारी किसपर होगी यह बिल में नहीं दर्शाया गया है.तीन तलाक बिल को लोकसभा में पास कर मोदी सरकार ने अपना दमखम तो दिखाया है, लेकिन इसमें मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को दरकिनार किया गया है. उनकी कोई राय इस बिल में नहीं रखी गई है. इससे अब मुस्लिम घरानों में इसकी चर्चा भी शुरू हो गई है. कहीं न कहीं इस बिल के पास होने से मुस्लिम महिलाएं बिल में खामियों की शिकायत कर रही हैं.

हरिद्वार: गुरुवार को लोकसभा में बड़ी बहस के बीच तीन तलाक का बिल पास हुआ. एक तरफ इसके पक्ष में 303 वोट पड़े तो वहीं बिल के विपक्ष में 82 वोट पड़े. मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले यह दावा कर चुकी थी कि दोबारा सरकार आने पर तीन तलाक बिल बड़े बहुमत के साथ पास कराया जाएगा.

मोदी सरकार ने तीन तलाक के बिल को पास करते हुए अपना वादा कर पूरा किया. तीन तलाक का बिल पास होने पर घर-घर का मुद्दा यह है कि यह मुस्लिम महिलाओं के लिए कितना सही और कितना गलत हो सकता है. तीन तलाक को लेकर रुड़की की महिलाओं का कहना है कि लोकसभा में पास हुए इस बिल में औरतों के हक में बातें हैं, लेकिन इसमें कई तरह की खामियां भी नजर आ रही हैं.

लोकसभा ने पास किया तीन तलाक का बिल.
कुछ महिलाओं का कहना है कि मोदी सरकार के तीन तलाक बिल के अनुसार तलाक होने पर शोहर को अगर सजा दी जाती है, तो ऐसे में बीवी और बच्चों का खर्चा कौन देगा. तलाक देने के बाद परुवार की जिम्मेदारी किसपर होगी यह बिल में नहीं दर्शाया गया है.तीन तलाक बिल को लोकसभा में पास कर मोदी सरकार ने अपना दमखम तो दिखाया है, लेकिन इसमें मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को दरकिनार किया गया है. उनकी कोई राय इस बिल में नहीं रखी गई है. इससे अब मुस्लिम घरानों में इसकी चर्चा भी शुरू हो गई है. कहीं न कहीं इस बिल के पास होने से मुस्लिम महिलाएं बिल में खामियों की शिकायत कर रही हैं.
Intro:तीन तलाक पर राय


Body:गुरुवार को लोकसभा में तीन तलाक बिल बड़ी बहस के बीच पास हुआ जहां इसके पक्ष में 303 वोट पड़े तो बिल के विपक्ष में 82 वोट पड़े मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले यह दावा कर चुकी थी कि दोबारा सरकार आने पर तीन तलाक बिल बड़े बहुमत के साथ पास कराया जाएगा जिसे मोदी सरकार के द्वारा करके दिखा दिया गया अब इस मुद्दे पर पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है जो बिल मोदी सरकार लाई है इसमें क्या सही है और क्या गलत है यह घर घर का मुद्दा बना हुआ है तीन तलाक को लेकर रुड़की की महिलाओं का कहना है कि लोकसभा में जो बिल तीन तलाक को लेकर पास किया गया है वह औरतों के हक में तो है लेकिन इसमें कई तरह की खामियां नजर आ रही हैं।

कुछ महिलाओं का कहना है कि तलाक देने वाले शोहर को अगर मोदी सरकार के इस बिल के मुताबिक सजा दी जाती है तो ऐसे में उसकी तलाक वाली बीवी और बच्चों का खर्चा कौन देगा तलाक देने वालेशोहर को अगर मोदी सरकार के इस बिल के मुताबिक सजा दी जाती है तो ऐसे में उसकी तलाक वाली बीवी और बच्चों का खर्चा कौन देगा किसकी जिम्मेदारी होगी यह बात बिल में नहीं खोली गई है यह बहुत बड़ी खामी को दर्शाता है वहीं इसमें बड़े उलेमाओं की राय को शामिल नहीं किया गया है यह जरूर कहा जा सकता है की महिलाओं को सशक्त करने के लिए यह बिल लाया गया है जो तारीफ के काबिल है हमारी शरीयत और हदीस में तलाक के मायने कुछ और हैं जो हमेशा रहेंगे

बाइट - 1, रईसा बेगम (मुस्लिम महिला)
बाइट - 2, रुखसाना परवीन (मुस्लिम महिला)


Conclusion:तीन तलाक बिल को लोकसभा में पास करा कर मोदी सरकार ने अपना दमखम तो दिखा दिया है लेकिन यह चर्चा का बड़ा विषय बना हुआ है इसमें मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को दरकिनार किया गया है उनकी कोई राय इस बिल में नहीं रखी गई है जिससे अब मुस्लिम घरानों में इसकी मुखालफत भी शुरू हो गई है भले ही यह कानून का रूप ले चुका हो लेकिन अब भी मुस्लिम महिलाएं इस बिल को शरीयत और हदीस के खिलाफ बता रही है।

बाइट - 3, असमा क़मर (मुस्लिम महिला)
बाइट - 4, मरयम हुसैन (मुस्लिम महिला)
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